IAS Pooja Singhal Money laundering case रांची: निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ चल रही जांच में झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। राज्य के बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार मामले में हाईकोर्ट ने जांच प्रक्रिया को तेज करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
जानिए..क्या है पूरा मामला ?
पूजा सिंघल, जो झारखंड सरकार में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रही हैं, पर आरोप है कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपये के घोटाले को अंजाम दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में उनके और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ कई सबूत सामने आए थे। सिंघल पर मनी लॉन्ड्रिंग, सरकारी धन के दुरुपयोग और अन्य आर्थिक अपराधों के गंभीर आरोप हैं।

झारखंड उच्च न्यायालय का नया आदेश
झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस मामले में ED और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे जांच की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी न करें। कोर्ट ने कहा कि यह मामला जनता के विश्वास और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही, कोर्ट ने पूजा सिंघल की संपत्तियों और बैंक खातों की गहन जांच का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा दी जाएगी।
न्यायालय ने ED के कार्यशैली पर ही उठा दिए सवाल
पूजा सिंघल की ओर से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने का हवाला देते हुए उनके खिलाफ दर्ज मामले को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान बेंच को बताया गया कि किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने के लिए CRPC की सेक्शन-197 के तहत अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करना जरूरी है, लेकिन ED की ओर से ऐसा नहीं किया गया है। इसलिए उनके खिलाफ दर्ज केस को निरस्त किया जाए।
प्रवर्तन निदेशालय ED की जांच और अब तक के खुलासे
ED ने अपनी जांच में पूजा सिंघल के घर से भारी मात्रा में नकदी और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे। पूजा सिंघल के सीए सुमन सिंह के आवास से ईडी को 19.31 करोड़ मिले थे। यह भी सामने आया था कि उनके पति और अन्य करीबी रिश्तेदारों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदी गई थीं। इन संपत्तियों के स्रोतों की जांच अभी भी जारी है।

निलंबित IAS पूजा सिंघल की ओर से प्रतिक्रिया
पूजा सिंघल ने अब तक अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनके वकीलों का कहना है कि यह एक राजनीतिक साजिश है, और वे न्यायालय में अपनी बेगुनाही साबित करेंगी।

न्यायालय में अगली सुनवाई कब ?
झारखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद की तारीख तय की है। तब तक ED और अन्य जांच एजेंसियों को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।
इस आदेश के बाद पूजा सिंघल को थोड़ी राहत मिल गई है। जनता की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि जांच में और क्या खुलासे होते हैं और न्यायालय का अंतिम फैसला क्या आता है।
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