IndiaFirst.News पटना: जन सुराज के संस्थापक और चर्चित चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को BPSC की PT परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर किए गए आंदोलन के बाद कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आमरण अनशन के दौरान गिरफ्तार किए गए प्रशांत किशोर को कोर्ट ने बिना किसी शर्त के जमानत दे दी है, जिसके बाद वे जेल से बाहर आ गए हैं।
BPSC परीक्षा विवाद और आंदोलन
प्रशांत किशोर ने बिहार लोक सेवा आयोग BPSC की PT परीक्षा में कथित अनियमितताओं और पारदर्शिता की कमी को लेकर इसे रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने सरकार और आयोग पर निशाना साधते हुए कहा था कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे पर उन्होंने आमरण अनशन शुरू किया, जो कुछ ही दिनों में राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया।
प्रशांत किशोर गिरफ्तारी और जमानत
आंदोलन के दौरान पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी पर कई जगहों में विरोध प्रदर्शन हुए, और प्रशांत किशोर के समर्थकों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। कोर्ट में फिर से सुनवाई के बाद उन्हें बिना किसी शर्त के जमानत दे दी गई।
जानिए..कोर्ट से जमानत मिलने के बाद प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से क्या कहा
जमानत मिलने के बाद प्रशांत किशोर ने कहा- मामला तो अब गांधी मैदान में ही निपटाया जाएगा। यहां प्रशांत किशोर की बात नहीं है।,बल्कि बिहार के उन लाखों युवाओं की है, जिनके अधिकार और भविष्य दांव पर लगे हुए हैं। मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं। बिहार के हर युवा की आवाज बनूंगा और उनकी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाऊंगा।
क्या आगे भी जारी रहेगा आंदोलन ?
प्रशांत किशोर ने संकेत दिया है कि उनकी मांग पूरी होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। BPSC की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और छात्रों के अधिकारों के लिए जन सुराज अब बड़े स्तर पर मुहिम चलाने की तैयारी कर रहा है।
बता दें कि- प्रशांत किशोर की जमानत और रिहाई ने न केवल उनके समर्थकों को नया जोश दिया है, बल्कि बिहार में छात्रों के मुद्दों को लेकर एक नई बहस भी छेड़ दी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और बीपीएससी इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं।
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