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पारा शिक्षकों को बड़ा झटका: हाईकोर्ट ने सहायक आचार्य नियुक्ति में छूट के प्रावधान को किया रद्द

पारा शिक्षकों को बड़ा झटका

रांची,(झारखंड)। झारखंड में सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए प्रयासरत पारा शिक्षकों को शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया में पारा शिक्षकों को न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स में छूट देने के प्रावधान को रद्द कर दिया है। यह फैसला चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनाया।

क्या है मामला?

राज्य सरकार ने सहायक आचार्य प्रोन्नति नियमावली 2022 को संशोधित करते हुए 2024 में नई नियमावली बनाई थी। इसमें पारा शिक्षकों को क्वालिफाइंग मार्क्स से छूट दी गई थी। इस नियम को कृष्णचंद्र हलधर समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि पूर्व की नियमावली में 30% क्वालिफाइंग मार्क्स अनिवार्य था, जबकि नई नियमावली में यह प्रावधान केवल पारा शिक्षकों के लिए समाप्त कर दिया गया। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक ठहराते हुए नई नियमावली को रद्द कर दिया।

हाईकोर्ट के फैसले का असर

हाईकोर्ट के फैसले का असर

इस फैसले का सीधा असर सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा के परिणाम पर पड़ेगा। झारखंड में 26,001 पदों पर सहायक आचार्य नियुक्ति होनी है, जिनमें से 13,000 पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 11,670 पारा शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास कर चुके हैं। लेकिन न्यूनतम क्वालिफाइंग अंक लाने की बाध्यता होने से कई पारा शिक्षक अयोग्य हो सकते हैं।

पारा शिक्षकों का नुकसान

पारा शिक्षकों को परीक्षा में केवल उपस्थित होने की छूट थी, लेकिन अब उन्हें भी अन्य अभ्यर्थियों की तरह 30% क्वालिफाइंग अंक लाने होंगे। इस फैसले से पारा शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, और आरक्षित पद खाली रहने की संभावना भी बढ़ गई है।

पारा शिक्षकों की मांग

पारा शिक्षकों की मांग

झारखंड प्रदेश सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अपील की है कि 20-25 वर्षों से सेवा दे रहे पारा शिक्षकों के लिए सहायक आचार्य नियमावली की बाध्यता समाप्त की जाए और 13,000 पदों पर सीधे समायोजन किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है मामला

इस मामले से संबंधित एक अन्य याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि पारा शिक्षकों को आगे लाभ मिलेगा या नहीं।

नियुक्ति प्रक्रिया के भविष्य पर संकट

हाईकोर्ट के फैसले से सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया में देरी होने की संभावना है। परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों और पारा शिक्षकों के बीच अब नई अड़चन खड़ी हो गई है। राज्य सरकार को इस फैसले के बाद नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

https://indiafirst.news/big-blow-to-para-teachers-from-high-court

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