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वन्यजीव संरक्षण पर सवाल ! महाराष्ट्र में वाहन की टक्कर से बाघिन के शावक की जान गई


धोंडगांव इलाके में एक शव क्षत-विक्षत अवस्था में पाया गया

वर्धा,(महाराष्ट्र)। सड़क पार करते समय अज्ञात वाहन की टक्कर से चार महीने के बाघिन शावक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना गत सप्ताह बुधवार, 22 तारीख को सुबह करीब 6 बजे समुद्रपुर-गिराड क्षेत्र में धोंडगांव के समीप, मुनेश्वर नगर के पास सड़क पर घटी। सड़क पर शावक का क्षत-विक्षत शव मिलने से हड़कंप मच गया। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू कर दिया।

बाघिन का खुलेआम घुमने से कई गाँवों में दहशत का माहौल

पिछले एक-दो महीने से खुरसापार क्षेत्र में एक बाघिन और उसके चार बच्चे खुलेआम आस-पास घूमते हुए देखा। जिसके कारण आस-पड़ोस के सभी गाँव के लोग सतर्क हो गए। वन विभाग ने खुरसापार, गिराड, पेठ, आर्वी, फरीदपुर और मोहगांव के किसानों और नागरिकों से भी सावधानी बरतने की अपील की गयी। इसके साथ ही गाँव के लोगों को आगाह किया गया की चिन्हित इलाकों में जाने से परहेज़ करें।

20 ट्रैप कैमरों के माध्यम से बाघिन के गतिविधियों पर नजर रखा गया

वन विभाग ने तीनों शावकों को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न उपाय लागू किया जैसे – बिजली विभाग से किसानों के खेतों में रात्रिकालीन बिजली आपूर्ति बंद करने का अनुरोध किया गया। क्षेत्र में 20 से अधिक ट्रैप कैमरे लगाए गए, जो हर गतिविधि को रिकॉर्ड कर उन शावकों पर नजर रखा गया। जैसे ही वहां पर एक बाघिन और उसके चार शावकों को मिलने की सूचना मिली। उसके पश्चात ही उन क्षेत्रों में गश्ती भी बढ़ा दी गई। गाँव वालों को आगाह किया गया की उस ओर न जाएं।

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र बाघों के लिए सुरक्षित स्थान

२०२१ में सरकार द्वारा जारी किये गए रिपोर्ट के अनुसार बाघों की कुल संख्या ३५२ बताया गया। इसके अलावा यह भी अनुमान लगाया की इसकी संख्या 396 तक जा सकती है। ध्यान देने वाली बात यह की बाघों की संख्या में तेजी जरूर देखी गयी है लेकिन इसके साथ ही जंगलों की अन्धाधुन कटाई, लोगों की बढ़ती आबादी, शहरीकरण, उत्खनन के अलावा, शिकारियों द्वारा बाघों का शिकार करना चिंता का विषय बना हुआ है। विश्वभर में जहाँ बाघों की संख्या में गिरावट देखी गयी। वहीँ भारत में इसके ठीक उलट, बाघों की संख्या में तेजी देखी गयी, जोकि एक राहत भरी खबर है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अनुसार – बाघों की अनुमानित संख्या ३,६८२ है जबकि इसकी रेंज ३,१६७ से ३,९२५ के बीच होने की बात कही गयी है। विश्वभर के ७० प्रतिशत बाघ अकेले भारत में निवास करता है। इस पर गर्व की अनुभूति होना स्वाभाविक है, इसके साथ ही इसे संरक्षित करने की जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती है।

किसानो को खेतों की ओर न जाने की सलाह

अपने शावक की मौत के कारण बाघिन काफी हाताश और निरास है। संभवतः वह अब किसी पर भी हमला भी कर सकती है। इसलिए वन विभाग ने धोंडगांव, हुसैनपुर, शिरपुर, भवनपुर, हिवारा, वडगांव, अंतरगांव, गिराड और आसपास के सभी क्षेत्रों के किसानों, मजदूरों और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है, साथ ही धोंडगांव के किसानों और नागरिकों से भी अपील की है कि वे जंगल में न जाएं।

गिरड के वन अवलोकन झोपड़ी में अंतिम संस्कार

मृत शावक का अंतिम संस्कार के लिए जमा हुए स्थानीय एवं वन अधिकारी ।

मृत शावक का अंतिम संस्कार गिरड स्थित वन निरीक्षण झोपड़ी में किया गया। इस अवसर पर उप वन संरक्षक हरवीर सिंह, उप वन संरक्षक अमरजीत पवार, एनटीसीए के बंडू धोत्रे, मानद वन्य जीव संरक्षक कौशल मिश्रा, संजय इंगले तिगांवकर, कौस्तुब गावंडे, डॉ. ज्योति चव्हाण, डॉ. कल्याणी लोथे, डॉ. अरुण तुराले, योगेश भोर्ते, वनपरिक्षेत्र अधिकारी रूपेश खेडकर, परिक्षेत्र सहायक राजू धनवीज, प्रभाकर नेहारे आदि उपस्थित रहें। अंतिम संस्कार एनटीसीए के मार्गदर्शन में किया गया तथा उप वन संरक्षक अमरजीत पवार ने प्रारंभिक संवेदना व्यक्त किया और कहा की मृत शावक एक मादा थी। जिस वजह से उनकी आँखें नम रही। इसके साथ ही उनकी आत्मा कि शान्ति की कामना की और आगे ऐसी घटना न घटे इस ओर ध्यान देने की बात कही।

Author: Chetan

https://indiafirst.news/a-tigress-cub-died-in-a-vehicle-collision-in-maharashtra

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