रामगढ़,(झारखंड)। रामगढ़ ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला कार्यालय के ही लेखापाल सह रोकड़पाल मो. सलाउद्दीन अंसारी की गिरफ्तारी से जुड़ा है। कार्यपालक अभियंता राजकुमार भारती की शिकायत पर रामगढ़ थाना पुलिस ने 24 घंटे के भीतर शनिवार को उन्हें जिला समाहरणालय स्थित कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। गिरफ्तारी के बाद लेखापाल के बयान ने पूरे विभाग में हड़कंप मचा दिया।
लेखापाल का चौंकाने वाला दावा: योजनाओं में 30% तक कमीशन
गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दिए बयान में लेखापाल ने कहा कि विकास योजनाओं में 25 से 30 प्रतिशत तक कमीशन वसूला जाता है। सबसे अधिक कमीशन जिला खनिज निधि (DMFT) में लिया जाता है, जहां बजट आवंटन होते ही साढ़े पांच प्रतिशत की कटौती कर दी जाती है। इसके बाद,
- कार्यपालक अभियंता के नाम पर 12%
- सहायक अभियंता के नाम पर 4%
- कनीय अभियंता (JE) के नाम पर 3-4% की वसूली होती है।
आरोपों के केंद्र में कार्यपालक अभियंता
लेखापाल ने अपने बयान में खुलासा किया कि विवाद की असली वजह कार्यपालक अभियंता राजकुमार भारती द्वारा सहायक अभियंता का कमीशन भी मांगना था। दरअसल, भारती मूल रूप से सहायक अभियंता हैं, लेकिन विभाग में इस पद पर कोई और नहीं होने के कारण उन्होंने अपने लिए अतिरिक्त 4% कमीशन की मांग की। इस तरह, कुल 16% कमीशन लेने को लेकर विवाद गहराया।
गिरफ्तारी को लेकर सवाल, पुलिस पर मारपीट का आरोप
लेखापाल सलाउद्दीन ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उन्हें बिना नोटिस दिए गिरफ्तार किया गया, जबकि वे खुद ही थाने आकर बयान दर्ज कराने को तैयार थे। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उनसे मारपीट भी की, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। यही कारण है कि उन्हें जेल भेजने के बजाय सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वे पुलिस अभिरक्षा में इलाजरत हैं।
विभाग में हड़कंप, भ्रष्टाचार की परतें खुलने की आशंका

लेखापाल के इन खुलासों के बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है। अब यह सवाल उठ रहा है कि अगर कमीशनखोरी की यह परंपरा लंबे समय से चल रही थी, तो इसे छिपाने की कोशिश क्यों हो रही थी? क्या वाकई सरकारी योजनाओं में इतना बड़ा खेल चल रहा था? क्या यह मामला सिर्फ एक लेखापाल तक सीमित है, या इसमें बड़े अधिकारियों की भी संलिप्तता है?
कार्यपालक अभियंता का बचाव: आरोप झूठे, ड्रामा कर रहे हैं लेखापाल
कार्यपालक अभियंता राजकुमार भारती ने लेखापाल के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा-
“कमीशनखोरी का आरोप झूठा है। अगर कोई सबूत है, तो प्रस्तुत किया जाए। लेखापाल सिर्फ ड्रामा कर रहा है।”
क्या होगा आगे?
लेखापाल के बयान के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस इसकी कितनी गहराई तक जांच करती है। क्या वाकई भ्रष्टाचार की परतें खुलेंगी, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? विभाग के अन्य कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जो भी हो, इस घटनाक्रम ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं में होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि क्या यह सिर्फ एक लेखापाल और अभियंता के बीच का विवाद था, या फिर इसमें पूरा सिस्टम ही शामिल है।
https://indiafirst.news/accountant-arrested-in-ramgarh
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