पेरिस,(फ्रांस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पेरिस AI एक्शन समिट में घोषणा की कि अगला कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( Artificial intelligence ) शिखर सम्मेलन भारत में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन नवंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच किसी भी समय हो सकता है। इस घोषणा के साथ ही भारत AI सुरक्षा पर वैश्विक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन: ब्रिटेन से भारत तक का सफर
पहला AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन 2023 में ब्रिटेन के बैलेचली पार्क में हुआ था, जहां ब्लेचली घोषणापत्र जारी किया गया। इसमें भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और यूरोपीय संघ सहित 24 देशों ने AI से जुड़ी संभावित जोखिमों को लेकर चिंताओं को साझा किया और “मानव-केंद्रित, सुरक्षित और भरोसेमंद AI” के लिए काम करने का संकल्प लिया।
इसके बाद दूसरा AI समिट मई 2024 में दक्षिण कोरिया के सियोल में आयोजित हुआ और अब तीसरा AI समिट फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रहा है। अब भारत को चौथे AI समिट की मेजबानी करने का अवसर मिला है, जो देश के लिए एक महत्वपूर्ण वैश्विक उपलब्धि है।
AI के लिए वैश्विक मानक और SOP की जरूरत: पीएम मोदी
पेरिस AI समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने AI के लिए एक मानकीकृत संचालन प्रक्रिया (SOP) स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि AI का भविष्य तभी सुरक्षित और पारदर्शी रह सकता है जब साझा मूल्यों को ध्यान में रखते हुए वैश्विक स्तर पर जोखिमों से निपटने की रणनीति अपनाई जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने 1.4 अरब से अधिक लोगों के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सफलतापूर्वक तैयार किया है, जिसमें AI की भूमिका को और अधिक सशक्त बनाया जा सकता है।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने ‘अत्यधिक रेगुलेशन’ पर जताई आपत्ति
इस समिट में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने AI पर अत्यधिक रेगुलेशन (Excessive Regulation) के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि AI उद्योग पर जरूरत से ज्यादा पाबंदियां लगाई गईं, तो यह तकनीकी विकास को बाधित कर सकता है।
वेंस ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि अमेरिका में विकसित AI प्रणालियां वैचारिक पूर्वाग्रह से मुक्त रहें और नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कोई प्रतिबंध न लगे।
भारत में AI समिट क्यों अहम?
भारत में आयोजित होने वाला यह AI समिट कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण होगा:
- भारत वैश्विक AI नेतृत्व में अपनी स्थिति मजबूत कर सकेगा।
- AI सुरक्षा, डेटा प्राइवेसी और नैतिकता पर ठोस नीतियां तय की जा सकती हैं।
- भारतीय टेक इंडस्ट्री और स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।
- भारत AI से जुड़े वैश्विक नियमों और नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में AI समिट का आयोजन देश की डिजिटल क्रांति और AI के क्षेत्र में बढ़ती ताकत का प्रमाण है। IIT दिल्ली के प्रोफेसर अरविंद गुप्ता कहते हैं, “भारत के पास AI को बड़े पैमाने पर अपनाने और इसे सुरक्षित व नैतिक रूप से विकसित करने की क्षमता है। इस समिट से भारत AI के वैश्विक मानकों को तय करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।”
अगला सम्मेलन भारत को एक वैश्विक AI हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा
भारत में अगला AI सुरक्षा शिखर सम्मेलन आयोजित होना एक ऐतिहासिक क्षण होगा। यह आयोजन भारत को एक वैश्विक AI हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस आयोजन को कैसे आकार देता है और वैश्विक AI नीतियों में अपनी भूमिका को कैसे मजबूत करता है।
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