झारखंड एटीएस की बड़ी कार्रवाई, पाकुड़ में हुई गुप्त बैठक का पर्दाफाश
रांची,(झारखंड)। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद वहां के प्रतिबंधित आतंकी संगठन भारत के खिलाफ साजिश रचने में सक्रिय हो गए हैं। झारखंड एटीएस को मिली एक महत्वपूर्ण सूचना के अनुसार, बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े आतंकी अब्दुल मम्मुन ने भारत में घुसपैठ कर झारखंड के पाकुड़ में एक गुप्त बैठक की।
कैसे हुई आतंकी घुसपैठ?
एटीएस को जानकारी मिली है कि अब्दुल मम्मुन, जो बांग्लादेश के सतखिरा जिले के गोपीनाथपुर का निवासी है, 6 जनवरी को मुर्शिदाबाद के धुलिया के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुआ। पाकुड़ पहुंचकर उसने जेएएचए नामक संगठन के सदस्यों के साथ बैठक की और करीब 15 कैडरों को ट्रेनिंग देकर वापस लौट गया।
साजिश का अड्डा बना पाकुड़?
सूत्रों के अनुसार, पाकुड़ का इस्लामी दावा सेंटर, दुबराजपुर इस बैठक का मुख्य केंद्र रहा। यहाँ बंगाल और पाकुड़ के कई संदिग्धों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इससे पहले भी साहिबगंज और पाकुड़ में जेएमबी की गतिविधियां देखी गई थीं, जिस पर सुरक्षा एजेंसियां नजर बनाए हुए थीं।
सऊदी स्कॉलर की संदिग्ध भूमिका
सबसे सनसनीखेज खुलासा यह हुआ कि इस बैठक में सऊदी अरब निवासी इस्लामी स्कॉलर शम्सुजहां रहमान भी मौजूद था। माना जा रहा है कि वह जेएमबी और जेएएचए के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था। इसके अलावा, मुर्शिदाबाद के जलांगी के राहुल हुसैन, 24 परगना के जेएएचए सचिव अब्दुल हमीद फैजी, पाकुड़ के कुसुमनगर के मुसलेउद्दीन नजनी हफीजुल्लाह, फरक्का के जमीरुल हक और धुलिया के अनवारुल हक भी इस साजिश में शामिल थे।
एटीएस की सतर्कता, सभी जिलों में अलर्ट जारी
झारखंड एटीएस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों के एसपी और डीआईजी को सतर्क कर दिया है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब इस नेटवर्क के गहरे जड़ों की तलाश में जुट गई हैं ताकि किसी भी संभावित आतंकी हमले को समय रहते रोका जा सके।
क्या है खतरा?
विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का असर भारत की सुरक्षा पर भी पड़ सकता है। जेएमबी पहले भी भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है और इसका नेटवर्क पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम और बिहार तक फैला हुआ है। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गई हैं, ताकि इस साजिश को पूरी तरह से नाकाम किया जा सके।
झारखंड एटीएस का यह खुलासा बेहद चिंताजनक है। पाकुड़ और साहिबगंज जैसे इलाकों में जेएमबी की बढ़ती सक्रियता भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। अब देखना यह होगा कि सुरक्षा एजेंसियां इस आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने में कितनी सफल होती हैं।
ये भी खबर पढ़ें:
ये भी खबर पढ़ें:
ये भी खबर पढ़ें:
ये भी खबर पढ़ें:
https://indiafirst.news/terrorist-conspiracy-in-india
Leave a Reply