नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देश में सियासी हलचल तेज हो गई है। केंद्र सरकार आज लोकसभा में इस विधेयक को पेश करने जा रही है, जिसके चलते सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप दे दिया है। एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच इसे लेकर कड़ा टकराव देखने को मिल रहा है।
जहां विपक्षी दलों ने संसद में बैठक कर इस विधेयक पर अपने रुख को स्पष्ट किया, वहीं बीजेपी नेतृत्व ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर महत्वपूर्ण बैठक की। विधेयक पर वोटिंग के दौरान अपने सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्षों ने व्हिप जारी कर दिया है। वहीं, विभिन्न प्रेशर ग्रुप्स ने एनडीए में फूट डालने की कोशिश करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से इस विधेयक का विरोध करने की अपील की। हालांकि, इन अपीलों का कोई असर नहीं हुआ और जेडीयू व टीडीपी ने मंगलवार शाम को विधेयक के समर्थन में वोट देने की घोषणा कर दी।
विधेयक का उद्देश्य और राजनीतिक प्रभाव
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों और उनके प्रशासन में अधिक पारदर्शिता लाना है। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर लंबे समय से पारदर्शिता की कमी और रिकॉर्ड की अनियमितताओं को लेकर सवाल उठते रहे हैं। यह संशोधन इस व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास है, जिससे सरकार यह संदेश भी देना चाहती है कि वह किसी भी समुदाय के प्रति पक्षपाती नहीं है।
वक्फ संपत्तियों को लेकर मुस्लिम समाज में भी चिंता व्यक्त की जाती रही है। ऐसे में सरकार की यह पहल इसे न्यायपूर्ण प्रशासन की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक दृष्टि से भी यह विधेयक महत्वपूर्ण है, क्योंकि पारित होने की स्थिति में इससे विपक्ष पर दबाव बढ़ सकता है, जो आमतौर पर अल्पसंख्यकों को लेकर विशेष नीतियां बनाने के लिए जाना जाता है।
जीतन राम मांझी का समर्थन और एनडीए की एकजुटता
एनडीए सहयोगी और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस विधेयक पर अपना स्पष्ट समर्थन जताते हुए विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, “वक़्फ़ संशोधन बिल 2025 कई राजनीतिक दलों के मंसूबों पर पानी फेर देगा। जो दल अब तक इस विधेयक को लेकर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें हमारी सरकार करारा जवाब देने जा रही है। जिस दिन यह बिल पास होगा, उस दिन देश के हर मुसलमान कहेंगे – मोदी है तो सब मुमकिन है। नरेंद्र मोदी जी, देश का हर तबका आपके साथ है।”
मांझी के इस बयान ने एनडीए की एकता को और मजबूत कर दिया है। साथ ही, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह संदेश भी स्पष्ट कर दिया गया है कि गठबंधन एकजुट होकर मैदान में उतरने के लिए तैयार है।
वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश होने से पहले ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा चुका है। जहां सरकार इसे पारदर्शिता और न्याय की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने वाला कदम बताकर विरोध कर रहा है। अब सभी की नजरें संसद की कार्यवाही और इस विधेयक पर होने वाली बहस एवं मतदान पर टिकी हैं।
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