नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया, जिस पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इस विधेयक को “जबरन थोपा गया कानून” करार दिया और विरोध दर्ज कराया। इस मुद्दे पर कुल आठ घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है।
विपक्ष ने उठाए संयुक्त संसदीय समिति के अधिकार पर सवाल
विधेयक पर बहस की शुरुआत रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सांसद एनके रामचंद्रन के सवाल से हुई। उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह समिति विधेयक में संशोधन करने के लिए अधिकृत नहीं थी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी में 14 बदलावों को मंजूरी दी थी, जिन्हें जेपीसी ने कथित रूप से शामिल किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने दिया जवाब

गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जेपीसी ने केवल सुझाव दिए थे, जिन्हें केंद्र सरकार ने मंजूरी दी और विधेयक में शामिल किया। शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “हमारी समितियां रबर स्टैंप नहीं होतीं, बल्कि परामर्शदात्री होती हैं।”
गरीब मुसलमानों के लिए उपयोग होगा वक्फ संपत्ति
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस विधेयक की अहमियत को समझाते हुए बताया कि भारत में सबसे अधिक वक्फ संपत्ति मौजूद है और इसका इस्तेमाल गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में 10 मुस्लिम सदस्य होंगे, जिनमें दो महिलाएं अनिवार्य रूप से शामिल होंगी। इसके अलावा दो सेवानिवृत्त जज और दो प्रोफेशनल्स भी बोर्ड का हिस्सा होंगे। साथ ही चार गैर-मुस्लिम सदस्य भी नामित किए जाएंगे।
कांग्रेस पर तीखा हमला
रिजिजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर कांग्रेस के हाथ में होता तो वे पुराना संसद भवन भी वक्फ बोर्ड को सौंप देते। उन्होंने याद दिलाया कि यूपीए सरकार ने 123 ऐतिहासिक इमारतों को गैर-अधिसूचित कर वक्फ बोर्ड को सौंप दिया था।
पृष्ठभूमि और विधेयक की मौजूदा स्थिति
यह पहला मौका नहीं है जब वक्फ संशोधन विधेयक को संसद में पेश किया गया हो। पिछले साल अगस्त में भी इसे लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन जेपीसी को भेज दिया गया था। अब इसे फिर से पेश किया गया है, और इस पर चर्चा जारी है।
संसद में इस विधेयक को लेकर सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच गहमागहमी जारी है। बहस के दौरान कई विपक्षी नेताओं ने इसे संविधान विरोधी बताया, तो वहीं सरकार इसे अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जरूरी कदम बता रही है। देखना दिलचस्प होगा कि यह विधेयक लोकसभा में किस स्वरूप में पारित होता है और इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
https://indiafirst.news/wakf-amendment-bill-2024-lok-sabha-debate
Leave a Reply