रांची/रामगढ़: झारखंड की धरती एक बार फिर बड़े सरकारी घोटाले की गवाह बनी है। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के मृत कर्मचारियों के पीएफ फंड में करोड़ों की हेराफेरी का चौंकाने वाला मामला अब CBI की जांच के दायरे में आ चुका है।
2021 में दर्ज हुए इस केस में खुलासा हुआ है कि 44 फर्जी बैंक खाते खोलकर बैंक अधिकारियों, CCL कर्मियों और बिचौलियों की साठगांठ से लाखों नहीं, करोड़ों रुपये का गबन कर लिया गया।
क्या है पूरा मामला?
देवघर के पीयूष कुमार श्रीवास्तव ने 24 अगस्त 2021 को रामगढ़ थाने में FIR (कांड संख्या 250/2021) दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि कारपोरेशन बैंक, रामगढ़ शाखा में फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे 44 फर्जी बैंक खाते खोले गए।
इन खातों के ज़रिए मृत CCL कर्मियों के पीएफ फंड से मोटी रकम निकाली गई। शुरुआती जांच में सामने आया कि यह घोटाला एक सुनियोजित नेटवर्क के तहत अंजाम दिया गया – जिसमें बैंक अफसरों से लेकर निजी एजेंट और यहां तक कि मृत कर्मचारियों की जानकारी तक का दुरुपयोग किया गया।
CBI ने टेकओवर क्यों किया?

घोटाले की गंभीरता को देखते हुए रामगढ़ के एसपी ने 18 अप्रैल 2024 को CBI को पत्र लिखकर जांच का आग्रह किया। अब ACB ब्रांच, CBI ने औपचारिक रूप से केस टेकओवर कर लिया है। इससे यह उम्मीद जगी है कि घोटाले की परतें गहराई से खुलेंगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
नामजद आरोपी कौन-कौन?
इस मामले में अब तक जो नाम सामने आए हैं, वे यह दर्शाते हैं कि यह घोटाला कोई छोटी-मोटी गड़बड़ी नहीं, बल्कि एक संगठित आपराधिक साज़िश थी।
नामजद आरोपी हैं:
संजय कुमार सिंह – तत्कालीन शाखा प्रबंधक, कारपोरेशन बैंक
त्रिपुरारी कुमार
नूतन देवी – त्रिपुरारी की पत्नी
विनोद कुमार
अजय प्रसाद
सुषमा देवी – अजय की पत्नी
इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने मिलकर मृत कर्मचारियों के परिजनों की पहचान और दस्तावेजों का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये का पीएफ फंड हड़प लिया।
अब क्या होगा आगे?
CBI जांच के शुरू होने के साथ ही पूरे झारखंड में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। सूत्रों की मानें तो CBI जल्द ही बड़े स्तर पर पूछताछ और गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है।
यह मामला सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि मृत कर्मचारियों के सम्मान और उनके आश्रितों के अधिकारों पर भी हमला है।
यह घोटाला दर्शाता है कि किस तरह सरकारी तंत्र और बैंकिंग सिस्टम में लापरवाही और भ्रष्टाचार की मिलीभगत से गरीब परिवारों के अधिकार छीन लिए जाते हैं। उम्मीद है कि CBI इस मामले को तेजी से अंजाम तक पहुंचाएगी और पीड़तों को न्याय दिलाएगी।
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