बोकारो: झारखंड के बोकारो जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां रिश्वतखोरी के मामले में कार्रवाई करने गई CBI की टीम पर ही हमला कर दिया गया। हरला थाना क्षेत्र के कालीबाड़ी इलाके में बुधवार को यह घटना घटी, जब ग्रामीण बैंक के एक रिकवरी एजेंट धनराज चौधरी को गिरफ्तार कर टीम लौट रही थी। अचानक कुछ स्थानीय लोगों ने गाड़ी रोक ली और अधिकारियों से मारपीट शुरू कर दी।
कैसे हुआ हमला?
CBI की टीम ने धनबाद से आकर धनराज चौधरी को गिरफ्तार किया था। धनराज पर एक किसान से ट्रैक्टर छोड़ने के एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप था। शिकायत के बाद CBI ने छापेमारी कर उसे हिरासत में ले लिया और जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए।
लेकिन जैसे ही टीम कालीबाड़ी इलाके से गुजर रही थी, धनराज चौधरी के समर्थकों ने गाड़ी रोक ली। पहले तो अधिकारियों से बहस हुई, लेकिन फिर मामला हिंसक झड़प में बदल गया। लोगों ने CBI टीम पर हमला कर दिया, जिससे तीन अधिकारी घायल हो गए।
किस वजह से CBI के रडार पर था रिकवरी एजेंट धनराज?
धनराज चौधरी ग्रामीण बैंक का रिकवरी एजेंट था और उसका काम था बकाया लोन की रिकवरी करना। लेकिन वह इस पोजीशन का ग़लत इस्तेमाल कर रहा था।
- गांव के ही एक किसान ने बैंक से स्वराज ट्रैक्टर लेने के लिए लोन लिया था।
- वह कुछ समय तक लोन नहीं चुका पाया, तो धनराज ने ट्रैक्टर ज़ब्त कर लिया।
- बाद में जब किसान ने पूरी राशि चुका दी और ट्रैक्टर वापस मांगा, तो धनराज ने 15,000 रुपये रिश्वत की मांग की।
- किसान ने इसकी शिकायत CBI से कर दी, जिसके बाद टीम ने बुधवार सुबह छापेमारी की।
जांच में जुटी पुलिस, आरोपियों की तलाश जारी

हमले के बाद CBI टीम हरला थाने पहुंची और घटना की लिखित शिकायत दर्ज करवाई। थाना प्रभारी अनिल कश्यप ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और हमलावरों की पहचान की जा रही है।
CBI अधिकारियों पर हमला क्यों?
यह हमला इस बात को दर्शाता है कि भ्रष्टाचार में लिप्त लोग किस हद तक जा सकते हैं। धनराज चौधरी को बचाने के लिए उसके समर्थकों ने कानून अपने हाथ में ले लिया। लेकिन अब पुलिस इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
- हमलावरों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी होगी।
- धनराज चौधरी पर रिश्वतखोरी के अलावा CBI पर हमले का केस भी दर्ज होगा।
- पुलिस और CBI मिलकर इस पूरे मामले की तह तक जाएंगी।
बोकारो में CBI टीम पर हुआ यह हमला कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि दोषियों को कितनी जल्दी सजा मिलती है और कानून की साख कितनी मजबूत होती है।
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