China’s Big Conspiracy Against India चेन्नई: भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान की साज़िशें कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन इस बार चीन ने अपने नापाक इरादों को अमली जामा पहनाने के लिए एक नया रास्ता चुना। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से चीन की एक बड़ी साज़िश बेनकाब हो गई है। चेन्नई पोर्ट पर भारी मात्रा में बारूद, वायरलेस सेट, ड्रोन और अन्य प्रतिबंधित सामान पकड़ा गया, जिसकी कुल कीमत 40 करोड़ रुपए से भी अधिक बताई जा रही है। इस मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने पाँच लोगों को गिरफ्तार किया है।
चेन्नई पोर्ट से 1.47 करोड़ के ‘चीनी बारूद’ की बरामदगी
सूत्रों के मुताबिक, स्पेशल इंटेलिजेंस एंड इंवेस्टिगेशन ब्रांच (SIIB) को कुछ दिन पहले इनपुट मिला कि चेन्नई पोर्ट पर एक संदिग्ध कंटेनर पहुंचा है, जिसमें विस्फोटक सामग्री भरी हुई हो सकती है। सूचना मिलते ही एजेंसियां हरकत में आ गईं। गहन जांच के बाद संदिग्ध कंटेनर की पहचान कर उसे खोलते ही अधिकारियों के होश उड़ गए।
इस कंटेनर में बड़े-बड़े 3,672 बॉक्स थे, जिनमें ‘चीनी बारूद’ भरा हुआ था। इसकी कीमत करीब 1.47 करोड़ रुपए आंकी गई। इतनी बड़ी मात्रा में बारूद की बरामदगी से यह आशंका जताई जा रही है कि चीन भारत में किसी बड़े षड्यंत्र को अंजाम देने की फिराक में था।
4240 ड्रोन और वायरलेस सेट भी पकड़े गए
बारूद बरामद होने के बाद SIIB ने चेन्नई पोर्ट पर सुरक्षा कड़ी कर दी और हर आने-जाने वाले कंटेनर पर पैनी नजर रखी जाने लगी। कुछ ही दिनों में एक और संदिग्ध कंटेनर पकड़ लिया गया। डिक्लेरेशन फॉर्म में इसे ‘हाउसहोल्ड और पैकिंग आइटम’ बताया गया था, लेकिन जब इसे खोला गया तो उसमें 4240 वायरलेस सेट और ड्रोन निकले। इस सामान की कीमत करीब 2.34 करोड़ रुपए आंकी गई। इन उपकरणों का इस्तेमाल किसी खतरनाक गतिविधि में किया जा सकता था।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और प्रतिबंधित सामान का जखीरा भी बरामद
इसके बाद SIIB ने एक के बाद एक दो और संदिग्ध कंटेनरों को जब्त किया। पहले कंटेनर में नेल ट्रिमर और वॉटर बॉटल होने की बात कही गई थी, लेकिन अंदर 13.5 करोड़ रुपए के इलेक्ट्रॉनिक सामान मिले। दूसरे कंटेनर से इंटरनेशनल ब्रांड के कॉस्मेटिक आइटम, प्रतिबंधित खिलौने, ई-सिगरेट सहित कई प्रतिबंधित चीजें मिलीं, जिनकी कीमत करीब 18.2 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
भारतीय एजेंसियों ने फिर विफल की चीन की साज़िश
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि इस सामान का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों या किसी और गैरकानूनी कार्य के लिए तो नहीं किया जाना था। भारत के खिलाफ चीन की साज़िशें पहले भी सामने आती रही हैं, लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने एक बार फिर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
अब इस मामले में गिरफ्तार किए गए पाँच लोगों से पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है और इसके तार कहां-कहां जुड़े हैं। इस पूरे घटनाक्रम से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि भारत को चीन की हर हरकत पर नजर बनाए रखनी होगी।
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