रांची, कोलकाता और ओडिशा के कई जिलों में मंगलवार सुबह 6 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में बताया जा रहा है, हालांकि इसकी तीव्रता को लेकर आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है। ओडिशा में इसकी तीव्रता 5.1 मापी गई। राहत की बात यह है कि अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
रांची,ओडिशा और कोलकाता समेत कई इलाकों में लोगों ने कंपन महसूस किया
सुबह-सुबह जब लोग अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त होने की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक धरती कांपने लगी। रांची और कोलकाता समेत कई इलाकों में लोगों ने कंपन महसूस किया, जिससे कुछ देर के लिए दहशत का माहौल बन गया। खासतौर पर ओडिशा के तटीय इलाकों में झटके तेज महसूस किए गए, जहां समुद्र किनारे रहने वाले लोग तुरंत सतर्क हो गए।
प्रशासन की अपील—घबराएं नहीं, सतर्क रहें
भूकंप के बाद प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को संयम बनाए रखने और सतर्क रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के झटके कभी-कभी बड़े भूकंप का संकेत हो सकते हैं, इसलिए सतर्कता बरतना जरूरी है।
भूकंप के दौरान और बाद में क्या करें?
भूकंप के दौरान:
- फौरन जमीन पर बैठें और सिर व गर्दन को हाथों से ढक लें।
- किसी मजबूत टेबल या डेस्क के नीचे छिप जाएं और उसे मजबूती से पकड़ें।
- घर के अंदर हैं तो दरवाजे, खिड़कियों और कांच से दूर रहें।
- लिफ्ट का उपयोग न करें।
भूकंप के बाद:
- सुरक्षित रूप से बाहर निकलें और आसपास की स्थिति का आकलन करें।
- घायल लोगों की मदद करें और जरूरत हो तो प्रशासन को सूचित करें।
- गैस, बिजली और पानी की लाइनों की जांच करें और किसी गड़बड़ी की स्थिति में अधिकारियों को खबर दें।
- यदि आपका घर असुरक्षित लग रहा है तो किसी खुले और सुरक्षित स्थान पर जाएं।
भूकंप क्यों आता है?
भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराने या खिसकने के कारण आता है। पृथ्वी की सतह के नीचे कई विशाल प्लेटें लगातार गति कर रही होती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या अचानक खिसकती हैं, तो सतह पर कंपन उत्पन्न होता है, जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं।
स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं वैज्ञानिक और विभागीय अधिकारी
विभागीय अधिकारी भूकंप की तीव्रता और उसके प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने जल्द ही विस्तृत जानकारी जारी करने की बात कही है। विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में हलचल से जुड़े मामलों पर नजर बनाए रखना जरूरी है।
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