नई दिल्ली। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों को धर्म पूछकर मौत के घाट उतार देने वाले आतंकवादियों को लेकर भारत ने दो टूक संदेश दे दिया है – अब न आतंक बचेगा, न उसके आकाओं को बख्शा जाएगा। इस हमले के बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए सटीक और विनाशकारी हवाई हमले किए।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने डच मीडिया को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट कहा है कि यह ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने चेताया कि यदि फिर से भारत पर हमला हुआ, तो जवाब और भी तीखा होगा। उन्होंने पाकिस्तान की सेना को आतंकवाद का ‘संस्थागत संरक्षक’ करार दिया।
“पाकिस्तानी आर्मी और आतंकवाद में कोई अंतर नहीं, दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।” – एस. जयशंकर
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में तबाही के निशान
पहलगाम हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन में:
- 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया
- 11 पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया गया
- TRF (The Resistance Front) जैसे संगठनों के कमांड और कंट्रोल सेंटर ध्वस्त किए गए
- पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और सेना की भूमिका की पुष्टि की गई
जयशंकर ने साफ कहा कि ये हमले आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति का हिस्सा हैं – “नई दिल्ली अब चुप नहीं बैठेगी”।
किश्तवाड़ में जमीन पर जंग: आतंकियों की तलाश में जंगल छान रही फोर्स
जयशंकर की बातों को सच साबित कर रहे हैं जम्मू-कश्मीर में चल रहे सुरक्षा अभियान। किश्तवाड़ के सिंहपोरा-चटरू इलाके में 3-4 आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षा बलों ने सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। ऑपरेशन में:
- जम्मू-कश्मीर पुलिस,
- भारतीय सेना,
- अर्धसैनिक बलों की संयुक्त कार्रवाई चल रही है।
- ड्रोन और थर्मल इमेजिंग से जंगलों में आतंकियों की तलाश
प्रदेश के DGP नलिन प्रभात ने स्वयं ऑपरेशन क्षेत्र का दौरा किया है।
‘कट्टरपंथ और खुफिया मिलीभगत’: पाकिस्तान की असलियत बेनकाब
जयशंकर ने इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के कट्टरपंथी नेटवर्क अब भी UN की नजर में आतंकवाद की नर्सरी हैं। लश्कर, जैश और TRF जैसे संगठनों के नेता खुलकर कराची, लाहौर और रावलपिंडी जैसे शहरों में सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा,
“इनके पते भी मालूम हैं, गतिविधियां भी और ये किससे संपर्क में हैं – ये भी किसी से छुपा नहीं।”
सियासी संदेश और रणनीतिक संतुलन
भारत का यह कदम सिर्फ एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक राजनयिक और भू-राजनीतिक संदेश भी है। भारत ने यह साफ कर दिया है कि वो अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
पहलगाम की घटना ने भारत को झकझोर दिया, लेकिन जवाब सुनियोजित और निर्णायक था। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को यह संकेत दिया कि अब कोई भी हमला ‘अनुत्तरित’ नहीं रहेगा। और जयशंकर की चेतावनी ने इस संदेश को और भी मजबूत बना दिया है – “दहशतगर्दी की जमीन अब खुद दहशत में है।”


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