प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के शुभ अवसर पर प्रयागराज के संगम तट पर आस्था और भक्ति का महासंगम देखने को मिला। इस पावन पर्व पर भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने अपने परिवार संग संगम में स्नान कर माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना की। इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान उन्होंने समस्त देशवासियों के सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना की।
धार्मिक अनुष्ठान और मंत्रोच्चार के बीच स्नान
चिराग पासवान और उनके परिवार ने महाकुंभ में स्नान से पहले विधिवत मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने संगम तट पर वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार जल अर्पण किया और पवित्र जल का आचमन कर दिव्य स्नान किया। इस दौरान वेद मंत्र गूंजते रहे—
“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिंधु कावेरी जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।।”
पूजा-अर्चना के बाद चिराग पासवान ने कहा, “महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। यह पर्व सभी को जोड़ने और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने का अवसर देता है। माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती के आशीर्वाद से समस्त देशवासी सुखी और समृद्ध रहें, यही मेरी कामना है।”
महाकुंभ: आस्था और एकता का संगममहाकुंभ के इस पावन अवसर पर देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं। कुंभ मेले की दिव्यता और भव्यता का अनुभव करने के लिए संत, महात्मा, श्रद्धालु और राजनेता बड़ी संख्या में संगम तट पर स्नान कर रहे हैं।
महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता का भी संदेश देता है। संगम में डुबकी लगाकर श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त करते हैं।
महाकुंभ 2025 का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की समृद्ध आध्यात्मिक परंपरा का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करता है। चिराग पासवान जैसे जनप्रतिनिधियों की भागीदारी इसे और विशेष बना रही है। माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती का आशीर्वाद देशवासियों पर बना रहे, यही महाकुंभ की सच्ची भावना है।
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