रावलपिंडी: पाकिस्तान में हो रही चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सोमवार को रावलपिंडी स्टेडियम में खेले गए एक मैच के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए मैदान में घुस गया और न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रचिन रविंद्र से लिपट गया। बाद में जांच में पता चला कि यह व्यक्ति कोई आम दर्शक नहीं, बल्कि प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) का समर्थक था। इस घटना के बाद पाकिस्तान में खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर दुनिया भर में चिंता बढ़ गई है।
सुरक्षा चूक से उठे गंभीर सवाल
इस घटना ने पाकिस्तान द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी है। पहले से ही कई टीमों को पाकिस्तान में खेलने को लेकर संदेह था, और अब इस घटना के बाद खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर और सवाल उठ रहे हैं। स्टेडियम जैसी हाई-सिक्योरिटी जगह पर एक संदिग्ध व्यक्ति का इतनी आसानी से घुस आना और सीधे खिलाड़ी तक पहुंच जाना यह दर्शाता है कि सुरक्षा व्यवस्था में कितनी बड़ी चूक हुई है।
2009 की यादें फिर हुई ताजा
इस घटना ने 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए हमले की यादें ताजा कर दी हैं, जब लाहौर में आतंकवादियों ने खिलाड़ियों की बस पर गोलियां चलाई थीं। उस हमले में कई खिलाड़ी घायल हो गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर लगभग एक दशक तक प्रतिबंध लग गया था।
क्या आतंकियों के निशाने पर हैं चैंपियंस ट्रॉफी के मैच?

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी में मेजबान टीम की लगातार हार के बाद आतंकी संगठन अन्य मैचों को भी निशाना बना सकते हैं। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस के मुखिया अब्दुल कादिर मुमीम की पाकिस्तान यात्रा और इस घटना के बीच कोई कनेक्शन हो सकता है।
पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों का दावा—अब होगी कड़ी निगरानी
इस घटना के बाद पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने दावा किया है कि अब सुरक्षा को और कड़ा किया जाएगा। स्टेडियम के अंदर और बाहर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए जा रहे हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि बाकी बचे मैचों के दौरान सुरक्षा में कोई ढील नहीं दी जाएगी।
क्या भविष्य में टीमें पाकिस्तान में खेलने से बचेंगी?
इस घटना के बाद क्रिकेट जगत में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या पाकिस्तान में आगे भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला जाना चाहिए? पहले ही इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसी टीमें सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में खेलने को लेकर संदेह जता चुकी थीं। अब इस घटना के बाद यह आशंका और गहरा गई है कि क्या पाकिस्तान सच में बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी करने के लिए सुरक्षित जगह है?
आने वाले दिनों में इस मामले को लेकर क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरी चोट जरूर पहुंचाई है।
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