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बोर्ड परीक्षा देने पहुंची 10वीं की छात्रा ने बच्ची को दिया जन्म, विभागीय जांच के आदेश

बोर्ड परीक्षा देने पहुंची 10वीं की छात्रा ने बच्ची को दिया जन्म, विभागीय जांच के आदेश

ओडिशा के मलकानगिरी जिले में चौंकाने वाली घटना जिले के एक सरकारी आवासीय स्कूल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब 10वीं कक्षा की एक छात्रा ने बोर्ड परीक्षा देने के बाद छात्रावास लौटकर एक बच्ची को जन्म दिया। इस अप्रत्याशित घटना ने स्कूल प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों को हैरान कर दिया है।

कैसे छिपी रही गर्भावस्था की बात?

घटना के बाद छात्रा के माता-पिता, स्कूल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हुआ कि आखिर छात्रा की गर्भावस्था की जानकारी प्रसव पीड़ा शुरू होने तक किसी को क्यों नहीं हुई?

स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा, “कन्या छात्रावास में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है, हमें नहीं पता कि छात्रा गर्भवती कैसे हुई।”

हर हफ्ते होती है मेडिकल जांच, फिर भी क्यों नहीं चला पता?

प्रधानाध्यापक के अनुसार, “छात्रावास में रहने वाली सभी छात्राओं की साप्ताहिक जांच होती है, जिससे उनका स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जाता है। इस घटना से साफ जाहिर होता है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई।”

मामले की जांच शुरू, एक संदिग्ध हिरासत में

जिला कल्याण अधिकारी श्रीनिवास आचार्य ने बताया कि छात्रा संभवतः छुट्टियों के दौरान घर जाने पर गर्भवती हुई होगी। मामले की गहराई से जांच के लिए एक विभागीय समिति गठित कर दी गई है।

पुलिस ने भी इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है और एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जिससे पूछताछ जारी है।

छात्रा और बच्चा दोनों सुरक्षित

घटना के बाद छात्रा और उसकी नवजात बच्ची को तत्काल चित्रकोंडा के उप-मंडलीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें मलकानगिरी जिला मुख्यालय अस्पताल रेफर कर दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, “छात्रा और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ और स्थिर स्थिति में हैं।”

प्रशासन में हड़कंप, स्कूलों में निगरानी बढ़ाने की मांग

इस चौंकाने वाली घटना के बाद छात्रावासों में रहने वाली छात्राओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य जांच प्रणाली को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने प्रशासन से स्कूलों में निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

इस मामले की पूरी सच्चाई विभागीय जांच और पुलिस की पूछताछ के बाद ही सामने आ पाएगी, लेकिन इस घटना ने सरकारी छात्रावासों की निगरानी व्यवस्था और मेडिकल जांच प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।

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