Japan Kyushu Earthquake: सोमवार देर रात दक्षिण-पश्चिमी जापान में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे क्षेत्र में दो छोटी सुनामी आईं, लेकिन किसी नुकसान की खबर नहीं है। जापान के क्यूशू में भूकंप के बाद, जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी ने एक मीटर (तीन फीट) ऊंचाइ सुनामी लहर की आशंका जताई तथा लोगों से तटीय जलक्षेत्रों से दूर रहने का आग्रह किया।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप रात करीब 21:19 बजे (1219 GMT) क्यूशी क्षेत्र में मियाज़ाकी प्रान्त के तट से लगभग 18 किलोमीटर दूर 36 किलोमीटर की गहराई पर आया।
जापान मौसम विभाग जारी की चेतावनी
जापान के मौसम एजेंसी (JMA) ने दी चेतावनी जापान मौसम विभाग ने एक्स पर कहा, “सुनामी बार-बार आ सकती है। कृपया समुद्र में प्रवेश न करें या तटीय क्षेत्रों के पास न जाएं।”
मौसम एजेंसी ने बताया कि क्षेत्र के दो बंदरगाहों पर लगभग 20 सेंटीमीटर की दो छोटी सुनामी देखी गयीं।

खबर..लिखे जाने तक जापान में स्थिति अभी सामान्य
स्थानीय मीडिया ने तत्काल किसी के हताहत होने की खबर नहीं दी है, तथा सार्वजनिक प्रसारक NHK पर क्षेत्र से प्रसारित लाइव टेलीविजन फीड में भी कोई प्रत्यक्ष क्षति नहीं दिखाई गई है, साथ ही समुद्र लहरें अभी शांत है, जहाज चल रहे हैं तथा यातायात सामान्य रूप से चल रहा है।
प्रशांत महासागर के “फायर रिंग” के पश्चिमी किनारे पर चार प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के शीर्ष पर स्थित है जापान, दुनिया के सर्वाधिक टेक्टोनिक प्लेटों से भरा हुआ देशों में से एक है जापान।
यह द्वीपसमूह, जहां लगभग 125 मिलियन लोग रहते हैं, प्रति वर्ष लगभग 1,500 भूकंपों का अनुभव करता है तथा विश्व के लगभग 18 प्रतिशत भूकंपों के लिए जिम्मेदार है।
इनमें से अधिकांश भूकंप हल्के होते हैं, हालांकि इनसे होने वाली क्षति उनके स्थान और पृथ्वी की सतह से नीचे की गहराई के अनुसार अलग-अलग होती है।
इससे पहले 2024 नोटो में आए भूकंप में 470 लोगों की मौतें हुई थी

2024 के नववर्ष के दिन नोटो प्रायद्वीप में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें जापान में एक दशक से अधिक समय में आए सबसे बड़े भूकंप में लगभग 470 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश बुजुर्ग निवासी थे।
पिछले साल अगस्त में जापान मौसम विभाग ने चेतावनी दी थी कि 7.1 तीव्रता के झटके के बाद “महा-भूकंप” की संभावना सामान्य से अधिक है, जिसमें 15 लोग घायल हो गए थे।
यह एक विशेष प्रकार का भूकम्प था जिसे सबडक्शन मेगाथ्रस्ट भूकम्प के नाम से जाना जाता है, जो अतीत में दो बार आया है तथा इससे विशाल सुनामी आ सकती है।
जापान मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि वह आए भूकंप के बीच संभावित कारणों की जांच कर रहा है।
भूकंप से कम नुकसान हो इसके लिए इमारतें बनाने के सख्त नियम और दिशा-निर्देश जापान में लागू है
जापान में सख्त निर्माण नियम हैं, जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इमारतें शक्तिशाली भूकंपों का सामना कर सकें, तथा बड़े झटकों से निपटने के लिए नियमित रूप से आपातकालीन अभ्यास आयोजित किए जाते हैं।
जापान में आई सुनामी से हजारो लोग मारे गए थे
लेकिन देश को मार्च 2011 में उत्तर-पूर्वी जापान में आए 9.0 तीव्रता के भीषण भूकंप की याद सता रही है, जिसके कारण आई सुनामी में लगभग 18,500 लोग मारे गए थे या लापता हो गए थे।

2011 की सुनामी ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के तीन रिएक्टरों को पिघला दिया था, जिससे जापान में युद्ध के बाद की सबसे बुरी आपदा और चेरनोबिल के बाद सबसे गंभीर परमाणु दुर्घटना हुई थी।
https://indiafirst.news/6-8-magnitude-earthquake-in-japan
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