झारखंड। गिरिडीह जिले के गार्दी और मर्मी गांव के नजदीक स्थित जंगल में माओवादियों की सक्रियता की गुप्त सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने संयुक्त अभियान चलाया। इस अभियान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 154वीं वाहिनी और गिरिडीह पुलिस की संयुक्त टीम ने भाग लिया। अभियान की अगुवाई सीआरपीएफ 154वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी श्री बलजीत सिंह भाटी, अभियान पुलिस अधीक्षक श्री सुरजीत, सहायक कमांडेड समवाय अधिकारी श्री विजय सिंह मीणा और अन्य अधिकारियों ने की।
सटीक सूचना पर की गई कार्रवाई
प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों की टीम 19 फरवरी 2025 को सुबह 7:30 बजे अभियान पर निकली। गोपनीयता बनाए रखते हुए जवानों ने जंगल में माओवादियों के ठिकानों की घेराबंदी की। हालांकि, स्थानीय ग्रामीणों के साथ माओवादियों की मजबूत तालमेल के कारण वे अभियान से पहले ही मौके से फरार होने में सफल रहे। इसके बावजूद, सुरक्षाबलों ने इलाके में गहन तलाशी अभियान चलाया।
भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद
सुरक्षाबलों को तलाशी के दौरान माओवादियों द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जमा किए गए विस्फोटक और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद हुई। इसमें शामिल हैं:
- कोडेक्स वायर – 1 बंडल पूर्ण, 3 बंडल्स लूज
- डेटोनेटर (इलेक्ट्रिक) – 5 नग
- विस्फोटक पाउडर – लगभग 20 किलोग्राम
- नेल एरोन – 1.5 किलोग्राम
- गेलाटिन स्टिक्स – 111 नग (प्रत्येक 125 ग्राम)
- हेक्सा ब्लेड – 2 नग
- सेंटोस 200 लीटर – 1 नग (नष्ट किया गया)
सुरक्षा बलों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
संभावना जताई जा रही है कि माओवादी इन विस्फोटकों का इस्तेमाल सुरक्षाबलों को निशाना बनाने या किसी बड़ी हिंसक वारदात को अंजाम देने के लिए कर सकते थे। सुरक्षाबलों की सतर्कता और तेजी से कार्रवाई के चलते संभावित खतरे को टाल दिया गया। अभियान के दौरान बरामद सामग्री को विधिवत नष्ट कर दिया गया।
अभियान जारी रहेगा
सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि गिरिडीह जिले में माओवादी गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा। पुलिस अधीक्षक ने आम जनता से भी अपील की कि यदि उन्हें किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
इस सफल अभियान से गिरिडीह जिले में सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है और माओवादियों की कमर तोड़ने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

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