चाईबासा,(झारखंड)। झारखंड के चाईबासा जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ के बाद सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार सुबह चाईबासा पुलिस, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियनों की संयुक्त कार्रवाई में नक्सलियों के एक अस्थायी कैंप को ध्वस्त कर दिया गया। मौके से बड़ी संख्या में हथियार, गोला-बारूद, संचार उपकरण और नक्सली दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
संयुक्त ऑपरेशन में भारी मात्रा में सामान बरामद
इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने दो इंसास राइफल, 313 जिंदा कारतूस, नौ इंसास मैगजीन, पांच मेट्रोला सेट, 28 डेटोनेटर, सैन्य वर्दी, मोबाइल फोन, पेन ड्राइव, पावर बैंक, रेडियो सेट और कई अन्य अहम सामान जब्त किए। इसके अलावा, नक्सलियों के कब्जे से डायरी, लेखन सामग्री और अन्य दस्तावेज भी मिले हैं, जिससे उनके नेटवर्क और गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की संभावना है।
शीर्ष नक्सली कमांडरों की जंगल में मौजूदगी की सूचना
एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछू, अनल, असीम मंडल, अजय महतो और सागेन अंगरिया समेत कई हार्डकोर नक्सली जंगल में सक्रिय थे। खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन चलाया, जिसमें नक्सलियों के एक ठिकाने को ध्वस्त किया गया।
डीजीपी का बड़ा बयान – नक्सलियों को सरेंडर करने की चेतावनी
राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने चक्रधरपुर में जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि नक्सली जल्द ही कानून के शिकंजे में होंगे। उन्होंने कहा, “अब यह लड़ाई समाप्ति की ओर है। पहले विकास की समस्याओं के नाम पर नक्सलवाद फैला, लेकिन अब यह केवल एक आपराधिक गिरोह बनकर रह गया है। सरकार की ओर से लगातार विकास कार्य किए जा रहे हैं, और नक्सलवाद के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
ग्रामीण इलाकों में दबाव बढ़ा, नक्सली नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी
सुरक्षा बलों ने आसपास के गांवों में सघन तलाशी अभियान तेज कर दिया है। विशेष रूप से अमित मुंडा दस्ते के जेडसीएम संजय गंझू, एसजेएम प्रभात मुंडा उर्फ मुखिया, एसजेडसीएम सालुका कायम और एसीएम हेमंती मंझियाइन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
अगले कदम – ऑपरेशन तेज होगा
सुरक्षा एजेंसियां अब नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार ऑपरेशन तेज कर रही हैं। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में और भी ठिकानों पर छापेमारी की जाएगी, ताकि नक्सली गतिविधियों का पूरी तरह खात्मा किया जा सके।
नक्सलवाद के खिलाफ यह निर्णायक लड़ाई झारखंड में सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि या तो नक्सली सरेंडर करें या फिर उन्हें खत्म कर दिया जाएगा।
https://indiafirst.news/anti-naxal-operation-intensified-in-jharkhand
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