रांची: झारखंड में शराब दुकानदारों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। एक बार फिर राज्यभर से एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने की शिकायतें मिल रही हैं। खुदरा शराब विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों को खुलेआम लूटा जा रहा है, और सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसमें अधिकारियों की मिलीभगत की भी खबरें सामने आ रही हैं।
फिर से शुरू हुई अवैध वसूली
शराब दुकानदारों पर पहले भी ऐसे आरोप लग चुके हैं। विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने पदभार ग्रहण करने के बाद इस पर सख्त रोक लगाई थी। उनकी सख्ती के चलते कुछ समय तक अधिक वसूली बंद हो गई थी, लेकिन अब फिर से दुकानदार मनमाने ढंग से शराब की बिक्री कर रहे हैं।
पलामू, हजारीबाग और रांची जैसे जिलों में एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने की खबरें सामने आई हैं। पलामू में शराब की प्रति बोतल पर 20 से 70 रुपये तक अधिक वसूला जा रहा है। हजारीबाग में भी यही स्थिति है, और रांची में तो अधिकारियों की नाक के नीचे यह गोरखधंधा चल रहा है।
मंत्री ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
शिकायतें मिलने के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एमआरपी से अधिक वसूली किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि यह बंद नहीं हुआ, तो न केवल संबंधित दुकानदारों पर बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।
मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द इस लूट को रोकें और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाएं।
पहले भी हुई थी कार्रवाई, फिर भी नहीं सुधरे शराब विक्रेता
गत वर्ष नवंबर 2024 में उत्पाद विभाग ने आदेश जारी किया था कि अगर कोई शराब विक्रेता एमआरपी (MRP) से अधिक वसूली करता है, तो दुकान के कर्मचारी पर ₹5000 और प्लेसमेंट एजेंसी पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। इस आदेश के तहत कई दुकानों पर कार्रवाई भी की गई थी, जिससे कुछ दिनों के लिए अवैध वसूली पर रोक लगी थी।
इसके लिए विभाग ने एक व्हाट्सएप नंबर और ईमेल आईडी भी जारी किए थे, जहां ग्राहक शिकायत दर्ज करा सकते थे। हालांकि, कुछ ही महीनों में दुकानदारों ने दोबारा अधिक कीमत वसूलनी शुरू कर दी।
जनता को लूटने की छूट नहीं मिलेगी!
अब देखना यह होगा कि मंत्री योगेंद्र प्रसाद की चेतावनी का क्या असर होता है। क्या उत्पाद विभाग इस बार सख्ती से नियमों का पालन करवाएगा, या फिर जनता को इसी तरह लूटा जाता रहेगा?
सरकार की कार्रवाई से शराब विक्रेताओं में हड़कंप जरूर मच गया है, लेकिन अगर इस बार भी अधिकारियों और दुकानदारों की मिलीभगत पर लगाम नहीं लगी, तो आम जनता को ही इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अब सबकी नजरें प्रशासन पर टिकी हैं कि वह इस अवैध वसूली पर कैसे लगाम लगाता है।
https://indiafirst.news/arbitrariness-of-liquorshops-continuesin-jharkhand
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