दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शनिवार (8 फरवरी) सुबह 8 बजे शुरू हुई – इस नतीजे का राष्ट्रीय राजधानी के शासन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।बुधवार (5 फरवरी) को हुए मतदान में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला।
25 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में वापसी की उम्मीद
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में 25 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में वापसी की है। चुनाव आयोग के अनुसार, भाजपा ने 5 सीटों पर जीत हासिल की है और 43 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जिससे कुल 48 सीटें होती हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है और 16 सीटों पर आगे चल रही है, कुल मिलाकर 22 सीटें। कांग्रेस को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली है।
AAP के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया चुनाव हारे
इस चुनाव में AAP के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा से 3,182 वोटों से हार गए। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जंगपुरा सीट से चुनाव हार गए हैं। हालांकि, AAP की आतिशी ने कालकाजी सीट से जीत दर्ज की है।
चुनाव परिणामों के बाद, अरविंद केजरीवाल ने हार स्वीकार करते हुए भाजपा को जीत की बधाई दी और उम्मीद जताई कि नई सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेगी।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण, अंत्योदय और विकासपरक नीतियों पर जनता के अटूट समर्थन की जीत बताया।
इस चुनाव में भाजपा की जीत का एक प्रमुख कारण दिल्ली के मध्यम वर्ग और पूर्वांचली मतदाताओं का समर्थन माना जा रहा है, जिन्होंने भाजपा के पक्ष में मतदान किया।
दिल्ली विधानसभा सीटें
दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं और किसी भी पार्टी या गठबंधन को सत्ता में आने के लिए 36 सीटें जीतनी होंगी।
भाजपा को 45-55 सीटें और आप को 15-25 सीटें देते हुए एग्जिट पोल में मोटे तौर पर भाजपा की जीत की भविष्यवाणी की है।
https://indiafirst.news/arvind-kejriwal-and-manish-sisodia-lost-their-seat
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