प्रयागराज महाकुंभ से जुड़ी एक अनोखी और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र और “आईआईटी वाले बाबा” के नाम से मशहूर अभय सिंह ने जूना अखाड़े के 16 मढ़ी आश्रम को अचानक छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि अभय सिंह किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं।
माता-पिता पहुंचे आश्रम लेकिन अभय हो गए लापता
सूत्रों के अनुसार, बीती रात अभय के माता-पिता आश्रम पहुंचे और उन्हें ढूंढने की कोशिश की, लेकिन तब तक अभय वहां से जा चुके थे। उनकी अचानक इस तरह गायब होने से सभी हैरान हैं।
कनाडा की नौकरी छोड़ साधु जीवन की ओर रुख

अभय सिंह ने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी और कनाडा में लाखों के पैकेज वाली नौकरी हासिल की थी। लेकिन आध्यात्मिक खोज ने उन्हें यह सब छोड़ने पर मजबूर कर दिया। वह श्मशान साधना और अघोर पथ की ओर आकर्षित हुए।
श्मशान साधना और हड्डियां खाने का अनुभव
द लल्लनटॉप को दिए गए एक इंटरव्यू में अभय ने खुलासा किया कि उन्होंने श्मशान में साधना करते हुए हड्डियां तक खाई थीं। उन्होंने बताया, “जो उन्होंने दिया, मैंने खा लिया। सब भगवान का प्रसाद है।”
उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके लिए आध्यात्मिक था। एक रात वह अघोरी बाबा के साथ श्मशान में थे, जहां उन्हें यह प्रसाद मिला।
कुंभ तक पहुंचने की कहानी

करीब डेढ़ महीने पहले अभय सिंह काशी के घाटों पर भटकते हुए जूना अखाड़े के संत सोमेश्वर पुरी से मिले। संत ने अभय की साधना और उनके ज्ञान को देखकर उन्हें कुंभ ले जाने का निर्णय लिया। अभय ने बताया कि वह किसी परंपरा या अखाड़े से बंधे नहीं हैं, बल्कि मुक्त होकर अपनी आध्यात्मिक यात्रा कर रहे हैं।
गुरु का दावा: अभय बनेंगे बड़े संत
जूना अखाड़े के संत सोमेश्वर पुरी ने कहा कि अभय में वह क्षमता है, जो उन्हें एक महान संत बना सकती है। उन्होंने बताया, “अभय को मैंने कई अनुभवी साधुओं और अघोरियों से मिलवाया। वह आने वाले समय में देश के बड़े संत बन सकते हैं।”
फिलहाल कहां हैं अभय?
प्रयागराज कुंभ मेले से अभय के अचानक गायब होने के बाद उनका ठिकाना अज्ञात है। उनके माता-पिता और अनुयायी उनकी तलाश में जुटे हुए हैं।
अभय सिंह का यह आध्यात्मिक सफर और उनकी गूढ़ साधनाएं देशभर में चर्चा का विषय बन चुकी हैं। अब देखने की बात यह होगी कि यह खोज उन्हें कहां ले जाती है।
https://indiafirst.news/baba-from-iit-left-the-ashram-of-mahakumbh
Leave a Reply