कोलकाता/मुर्शिदाबाद- पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ उठी आवाजें अब हिंसा का रूप ले चुकी हैं। मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर, सुती और शमशेरगंज इलाकों में शुक्रवार को हालात बेकाबू हो गए जब प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर बमबारी की, वाहनों को आग के हवाले किया और रेलवे ट्रैक तक बाधित कर दिया। प्रदर्शनकारियों की आक्रोशित भीड़ ने ट्रेनों और पुलिस बल को भी निशाना बनाया, जिसके चलते राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो गई है।
क्यों भड़की हिंसा?
हिंसा की जड़ में है केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ कानून में संशोधन, जिसे लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने ‘वक्फ बचाव अभियान’ की शुरुआत की थी। अभियान को शांतिपूर्ण बताया गया था, लेकिन इसके पहले ही दिन बंगाल के कई जिलों में हालात बिगड़ गए।
मुर्शिदाबाद के जंगीपुर और सुती, नॉर्थ 24 परगना और मालदा के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-12 पर जमकर उत्पात मचाया। कई सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, वहीं रेलवे की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया।
ट्रेनों पर हमला, इंटरनेट बंद
वेस्टर्न रेलवे के अनुसार, शुक्रवार दोपहर 2:46 बजे अजीमगंज-न्यू फरक्का सेक्शन के धुलियानगंगा स्टेशन पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए और ट्रैक को जाम कर दिया। नतीजतन दो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और पांच ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित किए गए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मुर्शिदाबाद, मालदा और नॉर्थ 24 परगना के संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी है।
पुलिस पर पथराव, जवाब में लाठीचार्ज और आंसू गैस

हिंसा पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही पुलिस पर भीड़ ने पथराव किया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस झड़प में अब तक 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों के मुताबिक, कम से कम तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है।
डायमंड हार्बर के अमतला चौराहे पर भी प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वाहन को निशाना बनाते हुए उसमें तोड़फोड़ की।
मुख्यमंत्री का सख्त रुख, भाजपा का हमला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हालात को देखते हुए प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि “जो लोग कानून हाथ में ले रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी, चाहे वे किसी भी वर्ग या संगठन से हों।
वहीं, इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार अराजकता को रोकने में असमर्थ या अनिच्छुक दिख रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जवाब देना होगा कि क्या उनकी सरकार इस तरह की हिंसा को चुपचाप समर्थन दे रही है?”
फिलहाल हालात काबू में, लेकिन तनाव बरकरार
बंगाल पुलिस ने बयान जारी कर बताया है कि जंगीपुर, सुती और शमशेरगंज जैसे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार केंद्र से अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की मांग पर भी विचार कर रही है।
वक्फ कानून को लेकर शुरू हुआ विरोध अब एक बड़े सामाजिक और राजनीतिक टकराव का रूप लेता दिख रहा है। सरकार को जहां कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने की चुनौती है, वहीं विरोध करने वाले समूहों को लोकतांत्रिक सीमाओं में रहकर अपनी बात रखने की जरूरत है।
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