रांची: झारखंड सरकार राज्य के संगठित और असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे लाखों श्रमिकों के हित में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य में लागू 15 से अधिक श्रम कानूनों को संहिताबद्ध कर चार प्रमुख श्रम नियमावलियों में समाहित किया जाएगा। यह कदम भारत सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों को चार संहिताओं में समाहित करने की नीति के अनुरूप उठाया जा रहा है।
नए श्रम कानूनों से श्रमिकों को लाभ
श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, चारों नियमावलियों के मसौदे को विधि विभाग के पास भेजा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद इन्हें कैबिनेट में पेश किया जाएगा। सरकार का दावा है कि इन नियमावलियों के लागू होने से श्रमिकों को सुरक्षित कार्य वातावरण, स्वास्थ्य सुविधाएं, वेतन सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लाभ मिलेंगे।
ये होंगी चार प्रमुख श्रम नियमावलियां
- सोशल सिक्योरिटी (झारखंड) नियमावली
- श्रमिकों को बीमा, पेंशन, ग्रेच्युटी, मातृत्व लाभ जैसे अधिकार मिलेंगे।
- कर्मकार प्रतिकर, प्रसूति सुविधा, उपदान संदाय, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार नियमावलियों को समाहित किया जाएगा।
- सामाजिक सुरक्षा बोर्ड और कल्याण कोष का गठन होगा।
- ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन (झारखंड) नियमावली
- कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं बढ़ेंगी।
- कारखाना, खनन, कंस्ट्रक्शन, मोटर ट्रांसपोर्ट, बीड़ी-सिगार और प्रवासी श्रमिकों से जुड़े पुराने कानून इसमें समाहित होंगे।
- इंडस्ट्रियल रिलेशन (झारखंड) नियमावली
- ट्रेड यूनियनों और श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी।
- औद्योगिक विवादों को रोकने और श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रभावी प्रावधान होंगे।
- वर्कर्स वेजेस (झारखंड) नियमावली
- श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी का कानूनी अधिकार मिलेगा।
- मजदूरी भुगतान और न्यूनतम मजदूरी से जुड़े पुराने कानूनों को इसमें शामिल किया जाएगा।
कैसे होगा लागू?
सरकार द्वारा साल 2021 में इन नियमावलियों के प्रारूप जारी किए गए थे, जिन पर आम जनता से सुझाव मांगे गए थे। बीते साल केंद्रीय श्रम मंत्रालय की क्षेत्रीय बैठक में राज्यों और केंद्र के बीच इन नियमों पर समन्वय को लेकर चर्चा हुई थी। अब विधि विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद कैबिनेट में इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा।
श्रमिकों की दशा और जीवन स्तर में होगा सुधार
राज्य सरकार का मानना है कि इन नियमावलियों के लागू होने से झारखंड के श्रमिकों को अधिक सुरक्षा और अधिकार मिलेंगे। कार्यस्थल की परिस्थितियों में सुधार होगा, वेतन की गारंटी सुनिश्चित होगी, और सामाजिक सुरक्षा के लाभ आसान होंगे। यह श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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