बेगूसराय: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित TRE-3 शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिले में काउंसलिंग के दौरान तीन फर्जी शिक्षक पकड़ में आए, जो उत्तर प्रदेश के निवासी थे। इन अभ्यर्थियों ने बिहार का फर्जी आधार कार्ड बनवाकर आरक्षण का लाभ उठाने की कोशिश की थी।
सर्टिफिकेट जांच में पकड़ में आया फर्जीवाड़ा
जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार, काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान दस्तावेज़ों की जांच की जा रही थी। आधार कार्ड की बारीकी से पड़ताल करने पर संदेह हुआ, जिसके बाद तीन अभ्यर्थियों की पहचान फर्जी निकली। उन्होंने आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर अपना स्थायी पता बिहार का दर्शा दिया था।
तीन गिरफ्तार, एक फरार
फर्जी दस्तावेज़ पकड़े जाने के बाद अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन अभ्यर्थियों को पुलिस के हवाले कर दिया। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पप्पू कुमार भारती, अखिलेश कुमार और शिव शंकर गोंड के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। हालांकि, इनके साथ शामिल एक और अभ्यर्थी, दीपक कुमार, मौके से फरार होने में सफल रहा।
शिक्षा विभाग सख्त, जांच होगी कड़ी
इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग सतर्क हो गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी रोकने के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया को और सख्त बनाया जाएगा। दस्तावेजों की जांच के दौरान विशेष सतर्कता बरती जाएगी ताकि कोई भी फर्जी अभ्यर्थी बच न सके।
फर्जीवाड़े पर होगी कड़ी कार्रवाई
पुलिस ने गिरफ्तार अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है और विस्तृत जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की धांधली करने वालों को सबक मिले।
बेगूसराय की इस घटना ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और कड़ी निगरानी की जरूरत को उजागर किया है। शिक्षा विभाग और पुलिस की सख्ती से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी को पूरी तरह रोका जा सकेगा।
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