नई दिल्ली। मशहूर टेक मिलियनेयर और एंटी-एजिंग रिसर्चर ब्रायन जॉनसन ने हाल ही में भारत की यात्रा के दौरान ज़ीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के पॉडकास्ट “डब्ल्यूटीएफ” की रिकॉर्डिंग बीच में ही छोड़ दी। इसकी वजह थी – भारत की खराब वायु गुणवत्ता।
ब्रायन जॉनसन, जो अपने कठोर स्वास्थ्य और एंटी-एजिंग रूटीन के लिए जाने जाते हैं, पॉडकास्ट रिकॉर्डिंग के दौरान भी N95 मास्क पहने हुए थे और पांच सितारा होटल में एयर प्यूरीफायर चालू था। बावजूद इसके, वे बढ़ते प्रदूषण स्तर को सहन नहीं कर पाए और बीच में ही पॉडकास्ट छोड़ दिया।
प्रदूषण के कारण आंखों और गले में जलन
जॉनसन ने बताया कि कमरे में AQI स्तर 120 के आसपास था, जो सामान्य माने जाने वाले स्तर से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा, “जब मैं भारत में था, तो खराब वायु गुणवत्ता के कारण इस पॉडकास्ट को जल्दी समाप्त करना पड़ा।”
उन्होंने आगे बताया कि सिर्फ़ तीन दिन भारत में रहने के बाद ही उनकी त्वचा पर दाने निकल आए, साथ ही उनकी आंखों और गले में जलन होने लगी। रिकॉर्डिंग के दौरान उन्होंने निखिल कामथ से कहा, “मैं आपको वहां नहीं देख सकता।”
जब वे होटल से बाहर निकले, तब कमरे का AQI 130 तक पहुंच चुका था और PM2.5 का स्तर 75 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था – जो 24 घंटे में 3.4 सिगरेट पीने के बराबर है।
“भारत में प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है” – जॉनसन
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जॉनसन ने भारत की वायु गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई। उन्होंने लिखा,
“लोग बाहर दौड़ रहे थे। बच्चे जन्म से ही इस प्रदूषण के संपर्क में थे। कोई भी मास्क नहीं पहन रहा था। यह बहुत भ्रामक था।”
उन्होंने भारत सरकार से सवाल किया कि वायु प्रदूषण को ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ क्यों नहीं घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि अगर भारत की वायु गुणवत्ता में सुधार किया जाए, तो इससे उतना ही लाभ मिलेगा जितना कि सभी प्रकार के कैंसर का इलाज करने से मिलेगा।
अमेरिका बनाम भारत: ‘प्रदूषण भारत का संकट, मोटापा अमेरिका का’

भारत से अमेरिका लौटने के बाद, जॉनसन ने दोनों देशों के प्रमुख स्वास्थ्य संकटों की तुलना की। उन्होंने लिखा,
“भारत में वायु प्रदूषण एक मूक संकट है, जबकि अमेरिका में मोटापा। जब मैं अमेरिका लौटा, तो मैंने हर जगह मोटापा देखा। 42.4% अमेरिकी मोटापे से ग्रस्त हैं।”
भारत में बचाव के लिए उठाए गए कदम
भारत में रहते हुए जॉनसन ने खुद को प्रदूषण से बचाने के लिए कई उपाय किए, जिनमें शामिल थे:
✅ पोर्टेबल एयर क्वालिटी मॉनिटर लेकर चलना
✅ कार की खिड़कियां बंद रखना
✅ N96 मास्क पहनना
✅ पोर्टेबल एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना
सरकार ने GRAP चरण-3 किया समाप्त
इस बीच, दिल्ली की हवा में मामूली सुधार के चलते वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) चरण-3 को वापस ले लिया। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण की समस्या खत्म नहीं हुई है और कठोर कदम उठाने की जरूरत है।
भारत में वायु प्रदूषण – एक गंभीर चुनौती
ब्रायन जॉनसन के इस बयान ने भारत में वायु प्रदूषण पर एक नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर सरकार, उद्योग और नागरिक मिलकर सख्त उपाय नहीं अपनाते, तो यह समस्या आने वाले वर्षों में और गंभीर हो सकती है।
क्या भारत वाकई में अपने प्रदूषण संकट से निपटने के लिए तैयार है?
इसका जवाब केवल आने वाले वर्षों में ही मिलेगा।
https://indiafirst.news/brian-johnson-leaves-the-podcast
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