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यूरोप के ऑटो उद्योग पर चीनी कंपनियों का दबदबा: बदलते वैश्विक बाजार के संकेत


बेल्जियम,(ब्रुसेल्स): हम जब भी ऑटो उद्योग की बातें करेंगें। यूरोप के लक्ज़रीअस कारें जैसे – बीएमडब्ल्यू, ऑडी, मर्सिडीज-बेंज, वोक्सवैगन, स्कोडा, पोर्श, रेनॉल्ट, प्यूज़ो, वोल्वो, फेरारी, बुगाटी, मैकलारेन, रोल्स रॉयस, लैंड रोवर, जगुआर, फिएट, ओपेल, और सिट्रोएन इत्यादि प्रसिद्ध नामों का ख्याल हमारे मन-मस्तिष्क पर न आए, ऐसा हो नहीं सकता। यूरोप का ऑटो उद्योग, जो पूरे विश्वभर में अब-तक राज करता आया। आज के समय में उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड रहा है। प्रतिस्प्रद्धा के इस युग में यूरोप पिछड़ता चला जा रहा – इसका सबसे बड़ा कारण, चाइना ब्रांड्स के कारों का यूरोप के बाज़ार में प्रवेश करना है। Draghi Report – 09 सितम्बर 2024 को आने के बाद से, ये मामला ओर भी गरम हो गया।

यूरोप के ऑटो उद्योग पर चीनी कंपनियों का दबदबा: बदलते वैश्विक बाजार के संकेत

आखिर क्यों इतनी ड्राघी रिपोर्ट पर चर्चा हो रही है ?

यह रिपोर्ट यूरोपियन यूनियन के भविष्य को ध्यान में रख करके तैयार किया गया। इसमें सभी विषयों-क्षेत्रों और खास-करके, इस रिपोर्ट में परिवहन उद्योग की चुनौतियों को प्रमुखता से शामिल किया गया। संक्षेप में “ड्राघी” का पूरा नाम – मारिओ ड्राघी है। वह इटली के पूर्व प्रधानमंत्री और यूरोपियन सेंट्रल बैंक के प्रेसिडेंट जैसे नामी पदों पर रहे। गत-वर्ष 09 सितम्बर 2024 को उनकी रिपोर्ट को प्रकाशित किया, नाम – “The future of European competitiveness – A competitiveness strategy for Europe”, Draghi Report के प्रस्तावों को यूरोपियन आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने अपने 2024-2029 आयोग के कार्यकाल के “कार्य – कार्यक्रम” के लिए स्वीकार कर लिया है। इसमें चीन को प्रमुखता से जगह दिया गया आखिर कैसे चीन की बढ़ती ऑटो उद्योग और विस्तारवादी रवैया का सामना किया जा सके। उन्होंने सुझाऊ दिया की जरूरत पड़े तो उत्पाद शुल्क लगाया जाए। Draghi का मानना है की अगर चाइना में बनें करों को रोकने में हम सफल नहीं हुए, तो फिर यूरोप का ऑटो उद्योग धीरे-धीरे करके बाज़ार से विलुप्त होने के कगार पर पहुँच जायेगा।

जर्मनी में इसका असर दिखना शुरू –

इसकी शुरूआत जर्मनी से दिखना शुरु भी हो गया। “वोक्सवैगन” जैसी प्रसिद्ध ब्रांड्स की कार कम्पनी की प्लांट एक-एक करके बंद होना इस ओर इशारा करता है। वोक्सवैगन कम्पनी ने अब तक 3 प्लांट्स को बंद कर दिया, 4-7 से प्लांट बंद होने के कगार पर है। जर्मनी के इतिहास में ऐसी मंदी अब-तक देखने को नहीं मिला। 3 प्लांट्स बंद होने की वजह से करीब 10000 लोगों कि नौकरियां चली गयी। ए.सी.ई.ए. के अनुसार – जर्मनी का जीडीपी में ऑटो उद्योग का 5 प्रतिशत तक का योगदान हैं जबकि 11 प्रतिशत तक रोजगार सृजन मुहैया करवाता है। इस क्षेत्र में करीब 8 लाख लोग जुड़े हुए हैं। यूरोपियन यूनियन के 5 देशों में जहाँ पर सबसे ज्यादा स्लोवाकिया 16%, रोमानिया 15.2%, स्वीडन 13.8%, चेक रिपब्लिक 13.7%, और हंगरी में 12.7% तक रोगजार मुहैया करवाता है।

यूरोप में चीनी ऑटो उद्योग का बढ़ता ग्राफ –

Draghi रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि यूरोप का चीन के साथ व्यापार घाटा प्रति वर्ष कैसे बढ़ता ही जा रहा है। 2023 के आंकड़ों के अनुसार ईयू – चीन के बीच का व्यापार 739 बिलियन यूरो को पार कर गया । राहत भरी बात यह है कि कुछ हद तक राजकीय घाटा को कम करने में सफलता जरूर मिली। यूरोपियन संघ ने 2022 में 223 बिलियन यूरो का निर्यात किया वही चीन से आयत 515 बिलियन यूरो से अधिक की रही । वहीं ऑटो सेक्टर में 2022-23 के बीच में यह आंकड़ा 40 फीसदी के दर से बढ़ी है। जो चिंता का विषय बना। यूरोस्टेट (ऑफिसियल पार्टनर ऑफ यूरोपियन यूनियन) के अनुसार 3.5 बिलियन यूरो का आयात बढ़ा ।

Data Source Credit-ACEA

यूरोपियन संसद में इस विषय पर बहस चलना –

सरकार द्वारा गठित विभिन्न समितियों ने जब इस तरह के कई रिपोर्ट्स देना शुरू किया। वहीँ दूसरी ओर यूरोप ऑटो उद्योग संघ ने 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की मांग की । चीन को रोकने के लिए अथक प्रयास करने की योजना पर काम करना शुरू हुआ। रिपोर्टों और आंकड़ों पर मंथन करने के बाद ही। 30 अक्टूबर 2024 को चाइना पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से 35 प्रतिशत तक किया गया। यूरोप का ऑटो एसोसिएशन पुरे विश्वभर में सबसे ज्यादा शक्तिशाली ऑटो एसोसिएशन है। अब यूरोपियन संघ कई तरह के योजना को पूर्णरूप देना शुरू कर दिया है जिससे कि चीन ऑटो उद्योग को यूरोप में प्रसार करने से रोका जा सके। यह जरूरी है वरना परिवहन क्षेत्र से जुड़े लगभग 1.4 करोड़ लोगों को रोजगार से विच्छिन होना पढ़ सकता है। इसलिए अब वहां कि सरकार चीन के साथ नया व्यपार समझौता करना चाहता है शायद जल्द ही, हो सके तो इसी वर्ष इस डील पर मुहर लग जाए। इलेक्ट्रिक परिवहन के साथ ही बैटरी ओर उससे जुड़े कल-पुर्जों पर अंकुश लगाने कि तैयारी में, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह देखने को मिल सकता है।

टेस्ला कंपनी पर भी मंडराता गंभीर संकट-

यूरोप के ऑटो उद्योग पर चीनी कंपनियों का दबदबा: बदलते वैश्विक बाजार के संकेत
Elon Musk CEO of Tesla Motors

अब टेस्ला कंपनी भी इससे अछूता नहीं रहा। पिछले कुछ सालों से टेस्ला कारों की बिक्री में रिकॉर्ड गिरावट आयी है कभी पहले स्थान पर कब्ज़ा जमाए रखने वाला टेस्ला ब्रांड्स की कारों की बिक्री में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिला रहा है, इसका सबसे बड़ा कारण भी चीन की कंपनी बी.वाई.डी है। इस कंपनी ने यूरोप से से ले-करके अमेरिका के ऑटो उद्योग में खलबली मचा करके रख दी। ऑटो विशेषज्ञों के अनुसार टेस्ला ने 2023 में कुल 10 लाख 79 हज़ार करों की बिक्री चीन में किया वहीं गत वर्ष यह आंकड़ा 10 लाख 8 हज़ार पर सिमट करके रह गया। यह आंकड़ा लगातार गिरता जा रहा है, वहीं पिछले वर्ष बी.वाई.डी ने करीब 25 लाख तक कार बेच डाला। यह सब चीन सरकार द्वारा दिए गए सब्सिडी का कमाल है। हमें यह भूलना नहीं चाहिए की टेस्ला का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका के बाद चाइना ही है। इन सभी कारणों को ध्यान में रख-करके ही ड्राघी रिपोर्ट को यूरोपियन संघ ने इस प्रस्ताव को अपने 2024-2029 के कार्यक्रम में शामिल किया।

https://www.acea.auto/fact/fact-sheet-eu-china-vehicle-trade-2024

https://commission.europa.eu/topics/strengthening-european-competitiveness/eu-competitiveness-looking-ahead_en

https://indiafirst.news/europes-declining-influence-in-auto-industry-chinese-cars-become-the-reason

https://indiafirst.news/chinese-companies-dominate-europes-auto-industry-signs-of-a-changing-global-market

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