रांची। झारखंड में जातीय जनगणना कराने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर जातीय जनगणना के लिए बजटीय प्रावधान करने की मांग उठाई है। इस दौरान सिंचाई संसाधनों के विकास, कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं के विस्तार, रोजगार के अवसर बढ़ाने, अल्पसंख्यक कल्याण और बोर्ड-निगमों में नियुक्तियों जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। बैठक में कांग्रेस नेताओं ने बताया कि हाल के दिनों में पार्टी की विभिन्न स्तरों पर हुई बैठकों में इन मुद्दों पर गंभीर मंथन हुआ है।
जातीय जनगणना से सामाजिक न्याय को मिलेगी मजबूती
कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जातीय जनगणना के लिए बजटीय प्रावधान किए जाने से इस दिशा में ठोस कदम बढ़ाया जा सकेगा। यह जनगणना राज्य की सामाजिक और आर्थिक संरचना को समझने में मदद करेगी, जिससे वंचित तबकों के लिए नीतियां बनाने में सहूलियत होगी। राज्य सरकार पहले ही इस विषय पर गंभीरता दिखा चुकी है और कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कृषि और सिंचाई संसाधनों के विस्तार पर जोर
बैठक में किसानों की समस्याओं को भी प्रमुखता से रखा गया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि झारखंड में किसानों की निर्भरता मुख्य रूप से वर्षा पर है। ऐसे में लघु सिंचाई योजनाओं पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि सिंचाई बजट को पांच गुना बढ़ाया जाए ताकि सिंचित भूमि का दायरा बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही, कोल्ड स्टोरेज की संख्या में वृद्धि कर किसानों को उनकी फसलों के सुरक्षित भंडारण की सुविधा दी जाए।
रोजगार और अल्पसंख्यक कल्याण पर विशेष ध्यान
बैठक में रोजगार सृजन और नियुक्तियों को गति देने पर भी जोर दिया गया। कांग्रेस ने मांग की कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान किए जाएं। साथ ही, अल्पसंख्यक कल्याण के तहत उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का आग्रह किया गया।
बोर्ड-निगमों में नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज करने की मांग
कांग्रेस नेताओं ने बोर्ड और निगमों में नियुक्तियों को लेकर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की। पार्टी के भीतर इस विषय पर काफी दबाव है, और सत्तारूढ़ गठबंधन में भी इसे लेकर चर्चा तेज हो चुकी है। कांग्रेस चाहती है कि इन नियुक्तियों की प्रक्रिया जल्द शुरू हो, जिससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाई जा सके।
दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मिलेगी झारखंड इकाई

इस बीच, झारखंड कांग्रेस के सभी विधायक और मंत्री 5 फरवरी को दिल्ली रवाना होंगे, जहां वे 6 फरवरी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में झारखंड सरकार के कांग्रेस मंत्रियों के दो महीने के कामकाज की समीक्षा की जाएगी, साथ ही विधायकों से उनके क्षेत्र की समस्याओं और जमीनी हकीकत को लेकर फीडबैक लिया जाएगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने बताया कि यह बैठक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से समन्वय स्थापित करने और आगामी रणनीति तय करने के लिए महत्वपूर्ण होगी। मंत्रियों और विधायकों को इसमें अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
राजनीतिक हलचल तेज, सरकार के फैसलों पर नजर
झारखंड में कांग्रेस की इन मांगों से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जातीय जनगणना, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, रोजगार और अल्पसंख्यक कल्याण जैसे मुद्दों पर कांग्रेस का जोर बताता है कि पार्टी राज्य में अपने जनाधार को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड सरकार इन मांगों पर क्या निर्णय लेती है।
https://indiafirst.news/congress-demands-caste-census-budget-in-jharkhand
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