पटना,(बिहार)। बिहार में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आम जनता को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऑनलाइन ठगी, डिजिटल धोखाधड़ी और फिशिंग हमलों के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर आने वाली शिकायतों को दस श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा, जिससे कार्रवाई और जांच में तेजी आएगी।
कैसे काम करेगा नया सिस्टम ?
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले साइबर क्राइम रिकॉर्ड पोर्टल (NCRP) ने इस नई व्यवस्था के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। इस प्रक्रिया के तहत, 1930 पर की गई शिकायतों को पहले वर्गीकृत किया जाएगा और फिर उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
ये हैं साइबर क्राइम की 10 नई श्रेणियां
- आधार आधारित पेमेंट सिस्टम में धोखाधड़ी
- यूपीआई (UPI) आधारित ठगी
- डीमैट या फंड ट्रांसफर से जुड़ी धोखाधड़ी
- फ्रॉड कॉल या फिशिंग अटैक
- ई-वॉलेट से जुड़ी धोखाधड़ी
- व्यवसायी या ऑफर से जुड़े ईमेल फ्रॉड
- इंटरनेट बैंकिंग धोखाधड़ी
- डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुड़े साइबर अपराध
- सिम स्वैप फ्रॉड
- डिजिटल अरेस्ट, लॉटरी जीतने और मल्टी-लेवल मार्केटिंग (MLM) स्कैम
सरकार का सख्त रुख, साइबर क्राइम पर रोकथाम की कोशिशें
बिहार सरकार ने इस नई व्यवस्था को लागू कर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिले और साइबर अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई हो। विशेषज्ञों का मानना है कि अपराध की स्पष्ट कैटेगरी होने से जांच एजेंसियां मामलों को जल्द सुलझा सकेंगी और पीड़ितों को समय पर राहत मिलेगी।
साइबर क्राइम से बचने के लिए अपनाएं ये सुरक्षा टिप्स
- मजबूत और स्पेसल करैकटर पासवर्ड का उपयोग करें और नियमित रूप से बदलें।
- दो-कारक प्रमाणीकरण (To Step Verification) (2FA) को सक्रिय करें।
- केवल HTTPS वाली सुरक्षित वेबसाइटों का उपयोग करें और अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- अपने डिवाइस पर एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर स्थापित करें और अपडेट रखें।
- पब्लिक वाई-फाई पर संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
- अज्ञात ईमेल या एसएमएस से प्राप्त संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचें।
अगर साइबर ठगी का शिकार हो जाएं तो क्या करें?
- साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें।
- अपने नजदीकी साइबर सेल या पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
- अपने बैंक को सूचित करें और संदिग्ध ट्रांजैक्शन को ब्लॉक करवाएं।
- पासवर्ड और अन्य सिक्योरिटी क्रेडेंशियल्स तुरंत बदलें।
- भारत सरकार के साइबर क्राइम पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/) पर ऑनलाइन रिपोर्ट करें।
बिहार में साइबर क्राइम के बढ़ते मामले, सतर्क रहने की जरूरत
बिहार पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में हर महीने हजारों लोग साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं। सबसे अधिक मामले यूपीआई फ्रॉड, फिशिंग कॉल और बैंकिंग धोखाधड़ी से जुड़े हैं। ऐसे में सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार लोगों को जागरूक करने के प्रयास कर रही हैं।
बिहार सरकार की यह नई पहल साइबर अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। लेकिन आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं।
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