धनबाद। झारखंड और पश्चिम बंगाल एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में बुधवार की रात धनबाद के महुदा थाना क्षेत्र स्थित सिंगड़ा बस्ती से एक अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ। इस गन फैक्ट्री से लगभग तीन हजार से अधिक अर्धनिर्मित और पूर्ण निर्मित पिस्टल बरामद किए गए हैं, जो देशभर के आपराधिक नेटवर्क तक पहुंचाए जाने की तैयारी में थे।
बंगाल कनेक्शन से हुआ पर्दाफाश
यह कार्रवाई बंगाल में हाल ही में हुई एक आपराधिक वारदात से जुड़े सुराग के आधार पर की गई। बंगाल में जब एक देसी हथियार से अपराध को अंजाम दिया गया, तब वहां की ATS ने जाँच में पाया कि हथियार झारखंड से सप्लाई हुए थे। इसके बाद बंगाल ATS ने झारखंड ATS और धनबाद पुलिस को अलर्ट किया, जिसके बाद सिंगड़ा बस्ती में एक गुप्त ऑपरेशन चलाया गया।
हथियार बनाने के दौरान रंगे हाथों दबोचे गए
ATS की टीम ने मुर्शीद अंसारी के घर पर छापा मारते हुए उसे, उसकी पत्नी हिना परवीन और मुंगेर (बिहार) से आए चार कुशल हथियार कारीगरों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद हिना को छोड़ दिया गया। छापेमारी के दौरान ATS ने मौके पर मौजूद कारीगरों से पुलिस के सामने ही एक घंटे में चार पिस्टल तैयार करवाए, जिसकी पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग कर साक्ष्य के तौर पर संकलित किया गया है।
मुंगेर-बर्धमान नेटवर्क का पर्दाफाश

पुलिस जांच में सामने आया कि यह फैक्ट्री मुंगेर के कारीगरों की मदद से लंबे समय से संचालित हो रही थी। कच्चा माल कुल्टी (बर्धमान, बंगाल) निवासी अर्श मोहम्मद द्वारा पहुंचाया जाता था, जो इस नेटवर्क का बड़ा खिलाड़ी बताया जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि उसकी गिरफ्तारी से पूरे नेटवर्क की जड़ें उजागर हो सकती हैं।
संदिग्ध गतिविधियों का था इतिहास, फिर भी पुलिस चूक गई
स्थानीय लोगों ने बताया कि मुर्शीद अंसारी की गतिविधियाँ पहले से ही संदेह के घेरे में थीं। वह पानी ढोने वाले जार वाहन और प्राइवेट गाड़ी का ड्राइवर बनकर इलाके में सामान्य जीवन जीता दिखता था। पहले भी उसके घर पुलिस आई थी लेकिन कुछ नहीं मिला। यह घटना पुलिस की खुफिया तंत्र की विफलता को भी उजागर करती है, जो इतने बड़े स्तर पर चल रही फैक्ट्री की भनक तक नहीं लगा सकी।
महिला की गवाही से मिले अहम सुराग
हिना परवीन ने खुलासा किया कि मुर्शीद ने उसे तलाक दे दिया था, लेकिन वह जबरन उसी के घर में रह रही थी। उसने एक बार अर्श मोहम्मद की संदिग्ध आवाजाही को लेकर अपने ससुर को भी बताया था, लेकिन तब कोई हथियार नहीं मिला। एक साल बाद जब फिर से काम शुरू हुआ, तो किसी को भनक तक नहीं लगी।
क्या कहती है पुलिस?
बाघमारा SDPO पुरुषोत्तम कुमार सिंह और महुदा अंचल पुलिस निरीक्षक ममता कुमारी स्वयं इस ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे। पुलिस ने सभी डिजिटल साक्ष्यों को सुरक्षित रखा है और उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि ये हथियार किन राज्यों में सप्लाई किए जा रहे थे और किन गिरोहों से इसका संपर्क था।
इस छापेमारी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि झारखंड और खासकर धनबाद जैसे क्षेत्रों में अवैध हथियारों का नेटवर्क कितनी गहराई तक फैला हुआ है। मुंगेर-बर्धमान-धनबाद की यह त्रिकोणीय तस्करी की चेन देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। जरूरत है कड़े खुफिया तंत्र, तकनीकी निगरानी और मजबूत कानूनी कार्रवाई की।
https://indiafirst.news/dhanbad-ats-mini-gun-factory-busted-weapons-seized



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