मुर्शिदाबाद: वक्फ संपत्ति को लेकर उपजे विवाद के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के धुलियान क्षेत्र में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। बीते दो दिनों में हुई हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई वाहनों और घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इलाके में शांति बहाली के लिए बीएसएफ की पांच कंपनियों को तैनात किया गया है।
पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने रविवार को दावा किया कि “स्थिति अब नियंत्रण में है”, लेकिन इसी सुबह धुलियान में बीएसएफ की टीमों को लक्ष्य बनाकर कथित रूप से फायरिंग की खबरें सामने आईं। पुलिस ने इन घटनाओं की जांच शुरू कर दी है।
हिंदू परिवारों के पलायन का दावा
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि धुलियान की हिंसा के बाद कम से कम 400 हिंदू परिवारों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा है। उनके अनुसार इन लोगों ने मालदा के पार लालपुर हाई स्कूल, देवनाकुप-सोवापुर ग्राम पंचायत और बैसनाबनगर क्षेत्र में शरण ली है। अधिकारी ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो और तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें कथित तौर पर विस्थापित लोग राहत शिविरों में नजर आ रहे हैं।
“हम जान बचाकर भागे हैं”- विस्थापितों की आपबीती
एक स्थानीय महिला ने मीडिया को बताया, “हमें धमकी दी गई कि पीने के पानी में जहर मिला दिया जाएगा। इसलिए हम सब बच्चों को लेकर भाग आए।” एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उसका घर जला दिया गया और स्थानीय पुलिस ने कोई मदद नहीं की। लोगों की मांग है कि उन्हें सुरक्षा दी जाए ताकि वे अपने घर लौट सकें।
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज
शुभेंदु अधिकारी ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि “तुष्टीकरण की राजनीति के चलते कट्टरपंथियों को खुली छूट मिली हुई है।” उन्होंने इसे “धर्म के आधार पर हिंसा” करार देते हुए इसे बंगाल के सामाजिक तानेबाने के लिए खतरा बताया।
बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी ममता सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार हिंदुओं के खिलाफ हिंसा करने वालों को संरक्षण देती है। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, मूर्तियों को अपवित्र किया जा रहा है। यह वही बंगाल है जहां विवेकानंद जैसे महापुरुष पैदा हुए।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन ने स्थिति की निगरानी के लिए उच्च अधिकारियों को लगाया है। शांति बहाली के प्रयास जारी हैं। हालांकि प्रशासन ने अभी तक किसी भी पक्ष के दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की है। पुलिस ने कहा है कि अफवाहों से बचने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
नज़रें केंद्र की भूमिका पर
विपक्ष की मांग है कि केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और केंद्रीय सुरक्षा बलों की मदद से विस्थापित परिवारों को घर वापसी की गारंटी दी जाए। इस बीच, राज्य सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वह पारदर्शी जांच कराए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे।
https://indiafirst.news/dhuliyan-waqf-dispute-violence-hindu-families-flee
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