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म्यांमार-थाईलैंड में 7.5 तीव्रता का भूकंप, भारी तबाही की खबर!


नई दिल्ली। दक्षिण-पूर्व एशिया के दो प्रमुख देशों, म्यांमार और थाईलैंड, में शुक्रवार को भूकंप के शक्तिशाली झटकों ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया। पहला भूकंप 7.5 तीव्रता का था, जबकि दूसरे की तीव्रता 7.0 मापी गई। अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र में स्थित था, जहां 10 किलोमीटर की गहराई पर धरती कांपी।

भूकंप का असर: बैंकॉक तक महसूस हुए झटके

भूकंप के झटके थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए। वहां ऊंची इमारतों में कंपन इतना तेज था कि गगनचुंबी इमारतों के पूल से पानी झरने की तरह नीचे गिरने लगा। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में लोग सड़कों पर घबराते हुए भागते नजर आए। कई इमारतों को एहतियातन खाली कराया गया।

म्यांमार में तबाही के दृश्य

म्यांमार में भूकंप ने कई इमारतों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सागाइंग और मोनीवा क्षेत्र में सबसे अधिक क्षति हुई। कई मकान धराशायी हो गए, सड़कों में दरारें पड़ गईं और बिजली आपूर्ति ठप हो गई। हालांकि, हताहतों की सही संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है।

इतिहास में पहले भी आ चुका है विनाशकारी भूकंप

म्यांमार का सागाइंग क्षेत्र दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप संभावित इलाकों में से एक है। 23 मई 1912 को यहां 7.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।

क्यों आते हैं भूकंप?

भूवैज्ञानिकों के अनुसार, धरती की सतह टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है, जो लगातार गति करती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो भूकंप उत्पन्न होता है। म्यांमार और थाईलैंड ऐसी ही सक्रिय भूकंपीय पट्टी में स्थित हैं, जहां अक्सर शक्तिशाली भूकंप आते रहते हैं।

भूकंप के दौरान क्या करें?

  1. खुले स्थान पर जाएं और इमारतों, पुलों और बिजली के खंभों से दूर रहें।
  2. किसी मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं और अपने सिर को ढक लें।
  3. लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से बाहर निकलें।
  4. अगर आप गाड़ी चला रहे हैं, तो स्पीड कम करें और सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं।

अभी राहत कार्य जारी

म्यांमार और थाईलैंड में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। सरकारों ने रेस्क्यू टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा है। अमेरिका, चीन और अन्य देशों से भी मदद की पेशकश की गई है।

भूकंप के झटके भले ही कुछ क्षणों के लिए आते हैं, लेकिन उनका प्रभाव बरसों तक महसूस किया जाता है। म्यांमार और थाईलैंड के लोग इस तबाही से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए बेहतर तैयारियां की जाएंगी?

https://indiafirst.news/earthquake-myanmar-thailand-latest-update

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