रांची,(झारखंड)। झारखंड में मंईयां सम्मान योजना के तहत लाखों लाभुकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का उद्देश्य लेकर शुरू की गई योजना में बार-बार भुगतान संबंधी समस्याएं सामने आ रही हैं। इस बार जिले के तीन लाख सात हजार लाभुकों में से करीब 40 हजार महिलाओं का भुगतान अटक गया है। मुख्य कारण बैंक खातों में त्रुटियां और डाटा इंट्री की लापरवाही बताई जा रही है।
त्रुटियों के समाधान के प्रयास
सरकार और बैंक मिलकर इस समस्या को सुलझाने में जुटे हैं। अब तक पांच हजार खातों की त्रुटियों को सुधारकर संबंधित लाभुकों के खाते में राशि भेज दी गई है। हालांकि, शेष 35 हजार मामलों में अभी भी सुधार कार्य जारी है। अधिकारियों का कहना है कि 26 जनवरी से पहले इन त्रुटियों को ठीक करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि अगली किस्त का भुगतान समय पर हो सके।
डाटा एंट्री में लापरवाही बनी बड़ी समस्या

योजना के पोर्टल पर डाटा एंट्री करते समय ऑपरेटरों द्वारा बरती गई लापरवाही से समस्या और जटिल हो गई है। खासकर सीएससी और प्रज्ञा केंद्रों पर हुई गलतियों में अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड गलत भरना मुख्य कारण रहा। “ओ” की जगह “जीरो” और “आई” की जगह “वन” जैसे गलत इनपुट देने से भुगतान फंस गए हैं। कई मामलों में अकाउंट नंबर के अंकों की संख्या कम या ज्यादा पाई गई है। कुछ लाभुकों ने ज्वाइंट अकाउंट या गलत खाते की जानकारी दे दी, जिससे उनका भुगतान रुक गया।
राशि बढ़ने से बढ़ी भीड़
योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि बढ़ाकर 2500 रुपये कर देने के बाद से लाभुकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इस कारण प्रखंड कार्यालयों और बैंकों में बड़ी संख्या में महिलाएं शिकायतों का समाधान कराने पहुंच रही हैं।
पोर्टल फिलहाल बंद
मंईयां सम्मान योजना का पोर्टल इस समय बंद है, जिससे नए लाभुकों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा है। सरकार का कहना है कि पहले से पंजीकृत महिलाओं के खातों की त्रुटियां ठीक करने के बाद ही पोर्टल को दोबारा खोला जाएगा।
आशा और सरकार का प्रयास

राज्य सरकार की कोशिश है कि अगली किस्त का भुगतान समय पर और बिना किसी बाधा के हो। योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, लेकिन तकनीकी त्रुटियां और लापरवाही इस उद्देश्य में बाधा बन रही हैं। उम्मीद है कि जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान कर लिया जाएगा।
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