बोकारो,(झारखंड)। झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी “मंईयां सम्मान योजना (JMMSY)” में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। भौतिक सत्यापन के दौरान बोकारो जिले में 11,200 से अधिक डुप्लीकेट आवेदन पाए गए, जिससे प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा किए गए सत्यापन में यह खुलासा हुआ कि एक ही बैंक खाते का उपयोग कई बार किया गया है और अलग-अलग नामों से फर्जी तरीके से आवेदन भरे गए हैं।
94 बार एक ही बैंक खाता नंबर से आवेदन
जांच में सबसे चौंकाने वाला मामला यह सामने आया कि एक ही बैंक खाता संख्या 100253493007 को 94 बार अलग-अलग नामों से योजना का लाभ लेने के लिए उपयोग किया गया। खाताधारक का नाम सुफनी खातुन बताया जा रहा है, जिसका पता उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल में दर्ज है। इतना ही नहीं, फर्जी राशन कार्ड नंबरों का भी इस्तेमाल किया गया, जिसे जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने सत्यापन के दौरान पकड़ा।
CSC केंद्रों की मिलीभगत उजागर
जांच में सामने आया कि यह फर्जीवाड़ा झारखंड के पलामू जिले और बिहार के किशनगंज स्थित कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) संचालकों द्वारा किया गया है।
- सीएससी आईडी: 243621130028 – वीएलई: विक्कु कुमार रवि (पलामू)
- सीएससी आईडी: 542316220013 – वीएलई: सुमित कुमार (पलामू)
- सीएससी आईडी: 423664770011 – वीएलई: फरयाद आलम (किशनगंज, बिहार)
इन तीनों सीएससी केंद्रों से अलग-अलग नामों से कई बार आवेदन किए गए, जिसमें एक ही बैंक खाता नंबर बार-बार इस्तेमाल किया गया।
बीडीओ-सीओ स्तर से मिली स्वीकृति, मगर फंड ट्रांसफर पर लगी रोक
इस फर्जीवाड़े में कई आवेदनों को ब्लॉक स्तर (B.D.O) और अंचल स्तर (C.O) से स्वीकृति भी मिल गई थी। हालांकि, उपायुक्त के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग ने एक से अधिक बार दर्ज किए गए बैंक खातों की पुनः समीक्षा की और फंड ट्रांसफर पर रोक लगा दी।
पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला
सिर्फ इस बार ही नहीं, इससे पहले भी 31 अक्टूबर और 1 नवंबर 2024 को 95 बार एक ही बैंक खाते (100253387047) का उपयोग करके अलग-अलग नामों से आवेदन किया गया था। इस खाते के खाताधारक यूसुफ का पता उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल में मिला था।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
उपायुक्त विजया जाधव ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा दोबारा भौतिक सत्यापन का आदेश दिया है। इसके अलावा, फर्जी आवेदकों और संबंधित CSC संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
सरकार की ओर से स्पष्ट संकेत दिए गए हैं कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी और योजना को पारदर्शी बनाने के लिए सतर्कता बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही इस तरह के फर्जीवाड़े को लेकर आगाह किया था, लेकिन इतने बड़े घोटाले का खुलासा होना प्रशासनिक लापरवाही को भी दर्शाता है।
“मंईयां सम्मान योजना” के तहत सामने आया यह घोटाला दर्शाता है कि कैसे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जालसाजी की जा रही है। हालांकि, प्रशासन की सतर्कता से अभी तक किसी भी फर्जी आवेदक को फंड ट्रांसफर नहीं हुआ है, लेकिन यह घटना राज्य में डिजिटल प्रक्रियाओं की निगरानी बढ़ाने की जरूरत को उजागर करती है।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई करता है और योजना को पारदर्शी बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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