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ग्रीन सिटीज़ और मजबूत नवाचार: शहरी जीवन का भविष्य


नीदरलैंड(एम्स्टर्डम): दुनिया तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक लगभग 68% विश्व जनसंख्या शहरों में निवास करेगी। इस बढ़ोतरी के साथ-साथ पर्यावरण, ऊर्जा और जीवन गुणवत्ता से जुड़े कई गंभीर चुनौतियां उभर कर सामने आ रही हैं। बढ़ते शहरीकरण के कारण गर्मी, प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों की मांग ने शहरों को टिकाऊपन समाधानों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।

नवाचार (Innovation) और तकनीकी प्रगति के माध्यम से अब कई शहर हरे भरे, पर्यावरण-अनुकूल और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। वर्टिकल फॉरेस्ट, एनर्जी-पॉजिटिव बिल्डिंग्स और सर्कुलर इकोनॉमी जैसे नवाचारों ने शहरी जीवन को एक नई दिशा दी है। यह लेख इन्हीं टिकाऊ नवाचारों के प्रभाव और उनके भविष्य पर प्रकाश डालता है।

वर्टिकल फॉरेस्ट: शहरी जंगलों में हरियाली की लहर

शहरी क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण और घटती हरियाली की समस्या को वर्टिकल फॉरेस्ट (ऊर्ध्वाधर वन) की अवधारणा ने हल करने की कोशिश की है। इन अनूठे गगनचुंबी भवनों को पेड़ों, झाड़ियों और पौधों से ढका जाता है, ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार हो और जैव विविधता को बढ़ावा मिले।

मिलान में स्थित बॉस्को वर्टीकले (Bosco Verticale) दुनिया का सबसे प्रसिद्ध वर्टिकल फॉरेस्ट है। इस इमारत में 900 पेड़ और 20,000 पौधे लगे हैं। यह हर साल लगभग 30 टन कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करता है और 19 टन ऑक्सीजन का उत्पादन करता है। इसके अलावा, यह शोर कम करता है और गर्मियों में आसपास के तापमान को ठंडा रखता है।

Bosco Verticale photo

अब कई शहरों ने इस मॉडल को अपनाना शुरू कर दिया है। उत्तरी नीदरलैंड में वंडरवुड्स नामक एक परियोजना में 360 पेड़ और 9,640 झाड़ियां लगाई जा रही हैं, जो इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ऊर्जा-सकारात्मक भवन: ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी

वर्टिकल फॉरेस्ट के साथ-साथ एनर्जी-पॉजिटिव बिल्डिंग्स का चलन भी तेजी से बढ़ रहा है। पारंपरिक भवनों की तुलना में ये इमारतें अधिक ऊर्जा उत्पन्न करती हैं, जो अन्य भवनों को भी ऊर्जा प्रदान कर सकती हैं।

नॉर्वे में स्थित पॉवरहाउस टेलीमार्क ऐसा ही एक उदाहरण है। यह भवन 200% अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो उसकी ऊर्जा आवश्यकताओं से दोगुना है।

नीदरलैंड के TNO की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक 50% नई इमारतों को ऊर्जा-सकारात्मक बनाना संभव है। इससे हर साल 1.5 मेगाटन CO₂ उत्सर्जन की बचत होगी। इसके अलावा, इन भवनों में रहने वाले लोग अपनी ऊर्जा लागत में 30% की कमी देख सकते हैं।

सर्कुलर सिटी: कचरे से संसाधन तक

एक अन्य टिकाऊ नवाचार सर्कुलर इकोनॉमी (परिपत्र अर्थव्यवस्था) है। इस मॉडल में कचरे को एक मूल्यवान संसाधन के रूप में देखा जाता है, जिसे पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण (Recycle) किया जा सकता है।

रॉटरडैम इस दिशा में अग्रणी शहरों में से एक है। यहां अर्बन माइनिंग (Urban Mining) परियोजना के तहत भवन निर्माण कचरे का उपयोग नए भवनों के निर्माण में किया जाता है। इसके अलावा, ब्लू सिटी नामक एक केंद्र में स्थानीय स्टार्टअप कचरे से नए उत्पाद बनाने पर काम कर रहे हैं।

सर्कुलैरिटी गैप रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में वैश्विक स्तर पर केवल 8.6% सामग्रियों को पुनर्चक्रण किया जा रहा है। नीदरलैंड ने 2050 तक पूरी तरह से परिपत्र अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है, जिससे हर साल 7.7 मेगाटन CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी।

यूरोपीय आयोग के अनुसार, 2030 तक सर्कुलर इकोनॉमी में 700,000 नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं।

नवाचार की भूमिका और भविष्य

इन नवाचारों का शहरी जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। हरियाली भरे क्षेत्र न केवल पर्यावरण में सुधार करते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग हरे-भरे क्षेत्रों के पास रहते हैं, उनमें मानसिक समस्याओं का जोखिम 16% तक कम होता है।

साथ ही, ऊर्जा-सकारात्मक इमारतें और सर्कुलर अर्थव्यवस्था आर्थिक दृष्टि से भी लाभदायक हैं। ये नवाचार न केवल पर्यावरण की रक्षा करते हैं, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करते हैं।

मिलकर हरा भरा और स्वच्छ पर्यावरण बनाए

शहरी जीवन तेजी से बदल रहा है। वर्टिकल फॉरेस्ट, एनर्जी-पॉजिटिव बिल्डिंग्स और सर्कुलर इकोनॉमी जैसी नवाचारी पहलें इस परिवर्तन की अगुवाई कर रही हैं। हालांकि, इन नवाचारों को व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए सरकारों, कंपनियों और नागरिकों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता होगी। यदि हम इन टिकाऊ समाधानों को अपनाते हैं, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए शहर न केवल रहने योग्य होंगे, बल्कि पर्यावरण और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करेंगे। शहरों का भविष्य हरा और नवाचारी है — और यही भविष्य हमारे हाथों में है।

https://indiafirst.news/green-cities-and-sustainable-innovation-the-future-of-urban-life

https://www.un.org

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