हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले में NTPC के डिस्पैच डीजीएम कुमार गौरव की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि इस हत्या के पीछे कुख्यात गैंगस्टर अमन साव के करीबी का हाथ था, जिसने कोयला कंपनी में दहशत फैलाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिलवाया।
गिरफ्तार हुए चार अपराधी, मुख्य शूटर भी पुलिस के शिकंजे में
डीआईजी संजीव कुमार और एसपी अरविंद कुमार सिंह ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। पुलिस के अनुसार, डीजीएम कुमार गौरव की हत्या में शामिल चारों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें मुख्य शूटर, रेकी करने वाला, शूटर को मोटरसाइकिल से लेकर जाने वाला और हथियार आपूर्ति करने वाला अपराधी शामिल है। हालांकि, पुलिस ने हत्या की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड का नाम उजागर नहीं किया है।
गिरफ्तार अपराधियों की पहचान इस प्रकार हुई:
- मिंटू कुमार पासवान उर्फ छोटा क्षत्रि (लोहार मुहल्ला, बड़कागांव) – मुख्य शूटर
- मनोज माली (जोरदाग माली टोला, केरेडारी) – रेकी करने वाला
- राहुल मुंडा उर्फ मिरिंडा (पुराना पानी, नापोखुर्द, बड़कागांव) – सहयोगी
- अजय यादव (इटखोरी, चतरा) – हथियार सप्लायर
हत्या में इस्तेमाल पिस्टल और बाइक समेत अन्य सामान जब्त
पुलिस ने अपराधियों के पास से कई महत्वपूर्ण सबूत जब्त किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- 7.65 बोर की एक पिस्टल
- तीन कारतूस और एक मैगजीन
- बिना नंबर की एक लाल रंग की पल्सर मोटरसाइकिल
- रेकी में इस्तेमाल काले रंग की पल्सर बाइक (जेएच 02बीपी-9888)
- हेलमेट, लाल रंग का जैकेट, टी-शर्ट, जूते और अन्य सामान
सीसीटीवी और मोबाइल कॉल डंप से मिली अहम जानकारी
डीआईजी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसके अलावा, हजारीबाग-बड़कागांव मार्ग पर लगे अन्य सीसीटीवी कैमरों और तकनीकी शाखा से मिले मोबाइल कॉल डंप डेटा का मिलान किया गया। इन तकनीकी जांचों के आधार पर अपराधियों की पहचान हुई और पुलिस ने सटीक छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गिरोह में शामिल होने पर युवाओं को दिए जाते थे पैसे
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गैंगस्टर अमन साव का गिरोह युवाओं को अपराध की दुनिया में धकेलने के लिए पैसे देता था। मिंटू पासवान को मुख्य शूटर बनाने के लिए बाकायदा ट्रेनिंग दी गई थी।
कोयला कंपनी में दहशत फैलाने की थी साजिश
पुलिस के अनुसार, डीजीएम कुमार गौरव की हत्या कोयला कंपनी में डर और दहशत का माहौल बनाने के लिए करवाई गई थी। गैंगस्टर अमन साव के करीबी ने इसे एक सोची-समझी साजिश के तहत अंजाम दिलवाया। हालांकि, पुलिस ने इस माफिया कनेक्शन को बेनकाब करने के लिए आगे की जांच जारी रखने की बात कही है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई से अपराधियों पर शिकंजा
हजारीबाग पुलिस की त्वरित कार्रवाई और एसआईटी की गहन जांच ने इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझा दी। अपराधियों की गिरफ्तारी से इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भरोसा बढ़ा है। पुलिस अब हत्या की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड तक पहुंचने के प्रयास में जुटी है।
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