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“वैश्विक मंच पर हिंदी का बढ़ता वर्चस्व: भाषा से संस्कार तक”

"वैश्विक मंच पर हिंदी का बढ़ता वर्चस्व: भाषा से संस्कार तक"

विश्व हिंदी दिवस विशेष…

हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है, यह दिन हिंदी भाषा की वैश्विक पहचान को बढ़ावा देने और उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए समर्पित है। विश्व हिंदी दिवस हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और इसके वैश्विक महत्व को रेखांकित करती है। हिंदी भारत की राजभाषा है और देश-विदेश के हर कोने में यह बोली, लिखी और पढ़ी जाती है। यह भाषा देश के नागरिकों को आपस में जोड़ती है। एकता, समन्वय तथा पहचान का प्रतीक बनने का प्रयास करती है। हिंदी न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में करोड़ों लोगों के बीच संवाद और संपर्क का सशक्त माध्यम बन चुकी है।

इतिहास और महत्व..

विश्व हिंदी दिवस का आरंभ 10 जनवरी 2006 को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा की गई थी। इस तिथि का चयन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित पहला विश्व हिंदी सम्मेलन की स्मृति में किया गया था। इस सम्मेलन में दुनिया भर के हिंदी विद्वान, लेखक और भाषा-प्रेमी शामिल हुए थे। उन्होंने हिंदी के वैश्विक स्वरूप को मजबूत करने और इसे सही दिशा में ले जाने के लिए विचार-विमर्श किया। आज हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। प्राचीन समय में हिंदी का विकास में उर्दू और संस्कृत योगदान रहा है।

विश्व में हिंदी की स्थिति

हिंदी का उपयोग न केवल भारत में, बल्कि नेपाल, पाकिस्तान, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, गयाना, और कई अन्य देशों में भी होता है। हिंदी की लोकप्रियता बढ़ने के साथ-साथ कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में भी इसका प्रयोग बढ़ा है। आज के समय में संयुक्त राष्ट्र, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी संस्थाओं ने हिंदी को अपने कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान दिया है। हिंदी फिल्मों, धारावाहिकों, साहित्य और सोशल मीडिया के माध्यम से यह भाषा विश्व के हर कोने में अपनी पहचान बना रही है। विश्व हिंदी दिवस पर हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए भारत और अन्य देशों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन आयोजनों में देश-विदेश के लोग हिस्सा लेते हैं और हिंदी के प्रति अपने सम्मान और रुचि को प्रदर्शित करते हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य हिंदी को विश्व मंच पर एक सशक्त पहचान दिलाना है। साथ ही यह दिवस हिंदी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे सम्मानित करने का एक प्रयास है। इस अवसर पर स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में प्रतियोगिताओं और संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है।

हिंदी के समक्ष चुनौतियां

भले ही हिंदी एक व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है, फिर भी इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तकनीकी क्षेत्र में हिंदी का उपयोग सीमित है, और नई पीढ़ी में इसके प्रति रुचि घटती जा रही है। अंग्रेजी के प्रति बढ़ता झुकाव भी हिंदी को प्राथमिकता नहीं दिए जाने का एक बड़ा कारण है। इन समस्याओं से निपटने के लिए हिंदी को तकनीकी विकास से जोड़ने, शिक्षण संस्थानों में इसे प्रोत्साहित करने, और हिंदी साहित्य को डिजिटल माध्यम से सुलभ बनाने की आवश्यकता है। हिंदी भाषा की सौम्यता और सरलता में निहित है विश्व को जोड़ने की शक्ति।


निष्कर्ष:

विश्व हिंदी दिवस हिंदी के महत्व को समझने और इसे बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह दिवस हमें हिंदी के प्रति गर्व और सम्मान की भावना से प्रेरित करता है। हिंदी हमारी संस्कृति, पहचान और विचारों का माध्यम है। इसे प्रोत्साहित करना हमारी जिम्मेदारी है। हिंदी को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए सामूहिक प्रयास और समर्पण की आवश्यकता है, जिससे यह भाषा और अधिक समृद्ध और प्रभावशाली बन सके..।

Article By- सिमरन कुमारी

सिमरन कुमारी, राजीव गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय,अरुणाचल प्रदेश (हिंदी विभाग) की शोधार्थी ( PhD Research Scholar ) हैं। लगातार लेखन और शोध में सक्रिय हैं।

https://indiafirst.news/increasing-dominance-of-hindi-on-the-global-stage-from-language-to-culture

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