जमशेदपुर: उत्तर प्रदेश का कुख्यात अपराधी और मुख्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर अनुज कनौजिया शनिवार देर रात पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। झारखंड के जमशेदपुर में यूपी एसटीएफ और झारखंड एटीएस के संयुक्त अभियान में यह ऑपरेशन अंजाम दिया गया। पुलिस ने बताया कि अनुज को आत्मसमर्पण करने का मौका दिया गया था, लेकिन उसने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी और बम से हमला करने की कोशिश की, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया।
मुठभेड़ की पूरी कहानी
यूपी एसटीएफ (गोरखपुर) के डीएसपी डीके शशि के मुताबिक, अनुज कनौजिया की तलाश पुलिस को लंबे समय से थी। उस पर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हत्या, लूट और रंगदारी जैसे 23 संगीन मामले दर्ज थे। मुखबिर से सूचना मिली कि वह जमशेदपुर के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के अमलतास सिटी में छिपा हुआ है। इसके बाद यूपी एसटीएफ और झारखंड एटीएस ने मिलकर शनिवार रात करीब 10:30 बजे उसके ठिकाने पर छापा मारा।
डीएसपी शशि ने बताया कि अनुज को बार-बार आत्मसमर्पण के लिए कहा गया, लेकिन उसने जवाब देने के बजाय पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। वह इतनी तेज गोलियां चला रहा था कि पुलिस को मजबूरी में जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। इसी दौरान उसने बम से हमला करने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए उसे निशाना बना लिया।
एक घंटे तक चली मुठभेड़
इस मुठभेड़ में करीब एक घंटे तक गोलियां चलती रहीं। अनुज बार-बार अपनी पोजीशन बदलकर फायरिंग कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे चारों ओर से घेर लिया। आखिरकार, जवाबी फायरिंग में वह मारा गया।
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने उसके ठिकाने की तलाशी ली, जहां से एक बम बरामद हुआ। यह इस बात का सबूत है कि वह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
अनुज की दहशत और आपराधिक इतिहास
अनुज कनौजिया उत्तर प्रदेश में आतंक का दूसरा नाम बन चुका था। खासकर मऊ और गाजीपुर में उसकी दहशत इतनी थी कि दुकानदार अपने साइनबोर्ड तक हटा देते थे ताकि वह उनसे रंगदारी न वसूले।
उसके खिलाफ मऊ के कोतवाली थाने में छह, रानीपुर में पांच, चिरैयाकोट में तीन और गाजीपुर के दुल्लहपुर में तीन मामले दर्ज थे। पुलिस को लगातार चकमा देने के कारण उस पर इनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दी गई थी।
गैंगस्टर पत्नी भी जेल में बंद
अनुज का आपराधिक नेटवर्क सिर्फ उसी तक सीमित नहीं था। उसकी पत्नी रीना भी गैंगस्टर थी और 2023 में रंगदारी के एक मामले में उसे रांची से गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह मऊ जेल में अपने दो बच्चों के साथ बंद है।
पुलिस की बड़ी कामयाबी
डीएसपी डीके शशि ने इस ऑपरेशन को पुलिस के बेहतरीन समन्वय और रणनीति का नतीजा बताया। झारखंड एटीएस की मदद से यूपी एसटीएफ को यह बड़ी सफलता मिली है।
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि अनुज जमशेदपुर में किस मकसद से आया था और उसके संपर्क में कौन-कौन लोग थे। उसकी गतिविधियों की गहराई से पड़ताल की जा रही है, ताकि उसके पूरे नेटवर्क को खत्म किया जा सके।
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