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झारखंड को मिला नया नेता प्रतिपक्ष, बाबूलाल मरांडी को बीजेपी ने सौंपी कमान

झारखंड को मिला नया नेता प्रतिपक्ष, बाबूलाल मरांडी को बीजेपी ने सौंपी कमान

रांची: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता चुन लिया है। गुरुवार को पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में यह फैसला लिया गया, जिसके बाद यह तय हो गया कि मरांडी अब विधानसभा में विपक्ष का नेतृत्व करेंगे।

क्यों बाबूलाल मरांडी को चुना गया?

बाबूलाल मरांडी झारखंड की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे मरांडी की छवि एक अनुभवी और मजबूत नेता की रही है। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में उनका नाम सबसे आगे था। यही वजह रही कि वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने भी उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बताया था।

राधा कृष्ण ने कहा था, “हालांकि, यह बीजेपी का आंतरिक मामला है कि वह किसे नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करती है, लेकिन मेरा मानना है कि बाबूलाल मरांडी इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त नेता हैं।”

राजनीतिक सफर: संघर्ष से नेतृत्व तक

बाबूलाल मरांडी का राजनीतिक सफर संघर्षों से भरा रहा है। उन्होंने 1991 और 1996 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना किया, लेकिन 1998 में दुमका सीट से शिबू सोरेन को हराकर अपनी पहचान बनाई। उसी साल उन्हें झारखंड में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, जिसके नेतृत्व में पार्टी ने 14 में से 12 लोकसभा सीटें जीतीं।

साल 2000 में जब झारखंड अलग राज्य बना, तब मरांडी को राज्य का पहला मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। लेकिन 2003 में पार्टी ने उन्हें हटाकर अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बना दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने 2006 में बीजेपी छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का गठन किया। हालांकि, यह पार्टी ज्यादा सफल नहीं रही, और 2020 में मरांडी ने इसका बीजेपी में विलय कर दिया।

विपक्ष के सामने बड़ी चुनौती

बाबूलाल मरांडी को अब झारखंड विधानसभा में विपक्ष की भूमिका निभानी होगी। उनकी रणनीति सरकार को घेरने और जनहित के मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठाने की होगी। राज्य की सियासत में उनका अनुभव बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

अब देखना यह होगा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में मरांडी किस तरह से हेमंत सोरेन सरकार को चुनौती देते हैं और झारखंड की राजनीति में अपनी नई भूमिका को कितनी मजबूती से निभाते हैं।

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