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झारखंड सरकार ने बीएसएल से 245.43 एकड़ वन भूमि वापस लेने का फैसला किया


बोकारो: झारखंड सरकार ने बोकारो स्टील लिमिटेड (बीएसएल) द्वारा इस्तेमाल नहीं की जा रही 245.43 एकड़ वन भूमि को वापस लेने का बड़ा फैसला लिया है। इस संबंध में बीएसएल प्रबंधन को आधिकारिक रूप से सूचित कर दिया गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर इस फैसले पर जल्द अमल नहीं किया गया, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बीएसएल पर अवैध कब्जे का आरोप

सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति ने पाया कि बीएसएल को विभिन्न गांवों में वन भूमि हस्तांतरित की गई थी, लेकिन वर्षों से इसका सही उपयोग नहीं किया गया। हजारीबाग वन प्रमंडल ने सात गांवों की 671.09 एकड़ और बोकारो वन प्रमंडल ने 11 गांवों की 870.38 एकड़ वन भूमि बीएसएल को सौंपी थी।

बीएसएल ने 1976 में सरकार को जानकारी दी थी कि उसने 10 गांवों की 864.21 एकड़ भूमि अपने कब्जे में ले ली है। हालांकि, 1996 में कंपनी ने सरकार को पत्र लिखकर तेतुलिया की 95.65 एकड़ और सतनपुर की 149.78 एकड़ भूमि वापस करने की इच्छा जताई थी, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

संयुक्त समिति करेगी सीमांकन

सरकार के फैसले के अनुसार, बीएसएल और वन विभाग के अधिकारियों की संयुक्त समिति बनाई जाएगी, जो सर्वेक्षण कर इस्तेमाल नहीं की गई भूमि का सीमांकन करेगी और पिलर लगाएगी। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि वन भूमि का कोई भी हिस्सा अनधिकृत रूप से न रहे और उसका सही उपयोग हो सके।

बैठकों में शामिल नहीं हुआ बीएसएल, सरकार ने दी चेतावनी

सरकार ने इस मामले में दिसंबर 2024 में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी, लेकिन बीएसएल के अधिकारी इसमें शामिल नहीं हुए। इसके बाद जनवरी 2025 में बीएसएल ने एक पत्र भेजकर डीड ऑफ कन्वेंस के आधार पर अपना दावा पेश किया, लेकिन वह अब तक हस्ताक्षरित नहीं हुआ है।

बीएसएल के इस रवैये को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर वन भूमि को शीघ्र वापस नहीं किया गया, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार का कड़ा रुख, वन भूमि संरक्षण को प्राथमिकता

झारखंड सरकार ने यह साफ कर दिया है कि राज्य की वन भूमि का संरक्षण और सही उपयोग उसकी प्राथमिकता है। वन विभाग और बीएसएल के बीच जारी इस विवाद का जल्द समाधान निकालने के लिए सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। अब देखना होगा कि बीएसएल सरकार के इस फैसले का कितनी जल्दी पालन करता है, या फिर यह मामला आगे कानूनी दांवपेंच में उलझता है।

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