कोच्चि। केरल के कोच्चि में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की पहली बैच की टॉपर शालिनी विजय, उनके आईआरएस भाई मनीष विजय अग्रवाल और उनकी मां शकुंतला विजय के शव संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद किए गए। यह घटना गुरुवार को सामने आई जब कोच्चि स्थित सेंट्रल एक्साइज क्वार्टर में तीनों के सड़े-गले शव मिले। इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस कर रही विभिन्न एंगल से जांच
कोच्चि पुलिस इस मामले की जांच कई दृष्टिकोणों से कर रही है। इनमें पारिवारिक विवाद, अंधविश्वास और आईआरएस मनीष विजय के विभागीय पहलू शामिल हैं। मनीष विजय कोच्चि में सीजीएसटी में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत थे। वहीं, शकुंतला विजय बोकारो के एक कॉलेज में प्रोफेसर रह चुकी थीं। पूरा परिवार रांची का रहने वाला था।
शवों की स्थिति ने बढ़ाई रहस्य की परतें
पुलिस जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं, वे इस मामले को और अधिक जटिल बना रहे हैं। तीनों शव सड़ी-गली अवस्था में पाए गए। खास बात यह थी कि शकुंतला विजय के शव पर फूलों की माला रखी हुई थी और बगल में परिवार के अन्य सदस्यों की तस्वीरें भी रखी गई थीं। इससे आशंका जताई जा रही है कि उनकी मृत्यु पहले हुई होगी, जिसके बाद मनीष और शालिनी की मृत्यु हुई। कोच्चि के थरीकाक्कर्रा थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस ने जांच तेज कर दी है।
धार्मिक प्रवृत्ति और समाज से कटाव
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह परिवार अत्यधिक धार्मिक प्रवृत्ति का था और बाहरी दुनिया से ज्यादा संपर्क में नहीं रहता था। खासतौर पर शालिनी विजय बीते कुछ वर्षों से लोगों से पूरी तरह कटी हुई थीं। वे झारखंड में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थीं, लेकिन 2020 के बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं थी। चार साल पहले उन्होंने छुट्टी लेकर केरल जाने का निर्णय लिया और तब से उनका किसी से कोई संपर्क नहीं था।
झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ ने जताया दुख
शालिनी विजय और उनके परिवार के निधन की खबर झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ के लिए भी बेहद स्तब्ध करने वाली रही। संघ के महासचिव राहुल कुमार ने कहा कि जैसे ही यह खबर आई, पूरे प्रशासनिक हलके में शोक की लहर दौड़ गई। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और प्रशासन से इस मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस के अनुसार, इस पूरे मामले में कई ऐसे संकेत मिल रहे हैं जो पारिवारिक और मानसिक तनाव की ओर इशारा कर सकते हैं। साथ ही, धार्मिक अनुष्ठान और अंधविश्वास से जुड़े पहलुओं की भी जांच की जा रही है। शकुंतला विजय के शव पर रखी फूलमाला और परिवार की तस्वीरें इस ओर इशारा करती हैं कि घटना के पीछे कोई आध्यात्मिक या मानसिक पहलू हो सकता है।
लंबे समय से अवकाश पर थीं शालिनी विजय
शालिनी विजय पिछले पांच वर्षों से अवकाश पर थीं। वे रांची में कार्यपालक दंडाधिकारी के रूप में कार्यरत रही थीं और झारखंड प्रशासनिक सेवा की एक प्रतिभाशाली अधिकारी मानी जाती थीं। उनका परिवार रांची के रेडियम रोड स्थित राजर्षी अपार्टमेंट में रहता था।
रहस्य से भरा यह मामला कब सुलझेगा?
फिलहाल, पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए गहन जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में कुछ संकेत मिले हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आया है। परिवार की धार्मिक प्रवृत्ति, समाज से कटाव और शवों की रहस्यमयी स्थिति के चलते यह मामला और भी जटिल बन गया है।
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