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20-20 लाख में ‘भविष्य’ की सौदेबाजी: झारखंड की सीजीएल परीक्षा में बड़ा घोटाला


रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा 2023 में अभ्यर्थियों से प्रश्नपत्र लीक के बदले 20-20 लाख रुपये की वसूली का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि राज्य की भर्ती प्रणाली पर गहराते अविश्वास का प्रतीक बनता जा रहा है।

कैसे हुआ खुलासा?

राज्य की CID ने इस घोटाले की परतें खोलीं। मुख्य आरोपी नवीन कुमार से पूछताछ में यह बात सामने आई कि दो बार पैसे लेकर परीक्षा पास कराने की ‘गारंटी’ दी गई थी। जांच में यह भी पाया गया कि पैसे आरोपी कुंदन कुमार की पत्नी कनुप्रिया के खाते में जमा किए गए। यही नहीं, सीजीएल और ‘विन्यास जॉब्स’ के नाम पर संदिग्ध ट्रांजेक्शन को जॉब कोड के रूप में दर्शाया गया।

कितने अभ्यर्थी शामिल?

  • गिरफ्तार आरोपियों की मदद से 28 अभ्यर्थियों की सूची सामने आई, जिनमें से 10 अभ्यर्थी परीक्षा में टॉप 28 में शामिल थे
  • अभ्यर्थियों से लिए गए पैसों का आंकड़ा 2.9 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

CID ने क्या पाया?

  • प्रश्नपत्र लीक से जुड़ी फॉरेंसिक रिपोर्ट, लेन-देन के रिकॉर्ड, संदिग्ध खातों की जानकारी और फर्जीवाड़े के सबूत जब्त किए गए।
  • प्रश्नों की सही जानकारी लेकर कुछ अभ्यर्थी 100 से 120 प्रश्नों का सटीक उत्तर देने में सक्षम थे।

वसूली का गणित: कौन-कितना वसूला?

आरोपी अधिकारीवसूली राशि (₹ में)विवरण
कुंदन कुमार (पत्नी के खाते में)4.55 लाखचयन सुनिश्चित करने के लिए
अमितेश कुमार12 लाखमस्टररोल संदीप मिश्रा के जरिए
जितेन्द्र कुमार2.90 लाखएक अभ्यर्थी से नकद व UPI द्वारा
ब्रजेश कुमार1.75 लाखपरीक्षा से पहले ही अग्रिम

यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि सिस्टम पर सवाल है

इस पूरे प्रकरण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि परीक्षाओं के नाम पर एक संगठित “पेपर माफिया” सक्रिय है, जो योग्य उम्मीदवारों के भविष्य को पैसों के बदले गिरवी रख देता है।
जब 20 लाख देकर कोई अभ्यर्थी टॉप 10 में आ सकता है, तो मेहनत करने वाले लाखों बेरोजगार युवाओं के सपनों का क्या?

जरूरत है कठोर कार्रवाई की

  • इस घोटाले में शामिल अधिकारियों और दलालों की संपत्ति जब्त की जानी चाहिए।
  • परीक्षा रद्द कर निष्पक्ष जांच के आधार पर दोबारा परीक्षा आयोजित होनी चाहिए।
  • सीबीआई या हाई कोर्ट मॉनिटरिंग वाली जांच एजेंसी से विस्तृत जांच की मांग अब तेज होनी चाहिए।

झारखंड में सीजीएल भर्ती घोटाला यह दिखाता है कि ‘भर्ती माफिया’ और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से कैसे पारदर्शी व्यवस्था को दीमक की तरह खाया जा रहा है। यह मामला एक चेतावनी है कि अगर अब भी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो युवाओं का भरोसा सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम से उठ जाएगा।

https://indiafirst.news/jssc-cgl-scam

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