रांची। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में फंसे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट ने कोड़ा द्वारा तीसरी बार समय मांगने पर 4000 रुपये का जुर्माना लगाया है। इससे पहले भी उन पर दो बार जुर्माना लगाया जा चुका है। अदालत ने आदेश दिया कि यह जुर्माने की राशि झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) में जमा करनी होगी। मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद होगी।
क्या है मामला?
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद की बिजली कंपनी IVRCL को लातेहार, गढ़वा और पलामू सहित छह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण का टेंडर दिलाया। इसके बदले उन्होंने कथित रूप से 11.40 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
मधु कोड़ा पहले ही इस घोटाले में ढाई साल जेल में रह चुके हैं और उन्हें 30 जुलाई 2013 को जमानत मिली थी। लेकिन अब हाईकोर्ट में उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
बार-बार समय मांगने पर बढ़ता गया जुर्माना
मधु कोड़ा की ओर से हाईकोर्ट में निचली अदालत द्वारा आरोप गठित किए जाने को चुनौती दी गई थी। लेकिन बार-बार सुनवाई टलवाने के प्रयासों को लेकर कोर्ट ने सख्ती बरती।
- 13 दिसंबर 2024 को समय मांगने पर 1000 रुपये का जुर्माना
- 17 जनवरी 2025 को फिर समय मांगा तो 2000 रुपये का जुर्माना
- अब 4000 रुपये का जुर्माना लगाकर कोर्ट ने सख्त संदेश दिया
टाटा मोटर्स अस्पताल केस: डॉक्टरों को हाईकोर्ट से झटका
इस बीच, झारखंड हाईकोर्ट ने टाटा मोटर्स अस्पताल के डॉक्टरों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मेडिकल नेग्लीजेंसी के केस को रद्द करने की मांग की थी।
क्या है मामला?
सरकारी स्कूल की शिक्षिका बबीता राय (42 वर्ष) की टाटा मोटर्स अस्पताल, जमशेदपुर में सर्जरी के दौरान मौत हो गई थी।
- सर्जरी डॉ. सोमनाथ घोष को करनी थी, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में डॉ. शिप्रा सरकार ने ऑपरेशन किया।
- शिकायतकर्ता रजनीश कुमार का आरोप है कि डॉ. शिप्रा सरकार के पास सर्जिकल डिग्री का रजिस्ट्रेशन ही नहीं था।
- इस लापरवाही के चलते बबीता राय की मौत हो गई।
- परिजनों ने पांच डॉक्टरों के खिलाफ न्यायिक दंडाधिकारी जमशेदपुर की अदालत में केस दर्ज कराया था।
डॉक्टरों ने हाईकोर्ट में इस केस को खारिज करने की अपील की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे ठुकरा दिया। अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
कानूनी शिकंजे में फंसे पूर्व सीएम और डॉक्टर
एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों पर मेडिकल लापरवाही का मामला अदालत में मजबूत होता दिख रहा है। हाईकोर्ट के फैसले यह संकेत दे रहे हैं कि झारखंड की न्याय व्यवस्था अब बड़े रसूखदारों पर भी सख्ती बरतने को तैयार है।
अब देखना होगा कि इन दोनों मामलों में आगे क्या मोड़ आता है और क्या कानून अपना सख्त रुख बनाए रखता है।
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