मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का गठन कर दिया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ दो उप मुख्यमंत्री शिवसेना शिंदे गुट से एकनाथ शिंदे और एनसीपी से अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री का पद दे दिया गया है। यहां तक तो बात ठीक थी लेकिन.. अभी जो खबर सामने आ रही है उसमें तीनों ही पार्टियाँ सरकार में एक फॉर्मूले के साथ काम करना चाहती है। बात यह है कि शिवसेना और एनसीपी उनकी पार्टी से मंत्री बनाए जाने वाले विधायकों का कार्यकाल मात्र ढाई साल का होगा।
नए फॉर्मूला के मुताबिक क्या होने वाला है मंत्रीमंडल विस्तार में

नए फॉर्मूला के हिसाब से भाजपा के 21, शिवसेना के 13 और एनसीपी के 9 मंत्री शपथ लेंगे। सूत्रों के मुताबिक, महायुति गठबंधन में नॉन परफॉर्मर मंत्रियों का पत्ता कट सकता है। इसमें शिंदे कैंप के 4, भाजपा के 3 और अजीत पवार गुट के 2 नेता है, इनको मंत्री पद ना मिलने की संभावना है, ये नेता पिछली सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
किस दल के पास कौन सा मंत्रालय जा सकता है

सूत्रों के मुताबिक- गृह मंत्रालय भाजपा के पास ही रहेगा।भाजपा के दोनों सहयोगी दलों को वही विभाग मिल सकते हैं। जो उनके पास पिछली महायुति सरकार में थे, हालांकि शिवसेना को एक अतिरिक्त मंत्रालय दिया जा सकता है।महायुति गठबंधन में शामिल अन्य दल उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है. पूर्व मुख्यमंत्री शिंदे अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दो उपमुख्यमंत्रियों में से एक हैं, इसलिए भाजपा उनकी पार्टी को एक और महत्वपूर्ण मंत्रालय दे सकती है। पवार को एक बार वित्त मंत्रालय मिलने की संभावना है।भाजपा मंत्रिपरिषद में कुछ नए चेहरे शामिल कर सकती है।

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