रांची। झारखंड में सहायक आचार्य (विज्ञान शिक्षक) के लिए पारा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा खुलासा हुआ है। कुल 2504 आरक्षित पदों में से केवल 271 पारा शिक्षक ही सफलता हासिल कर सके, जिससे 2233 पद खाली रह गए। यह जानकारी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा जारी रिजल्ट से सामने आई है।
झारखंड में दो वर्ष पूर्व 26 हजार सहायक आचार्य पदों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें प्राथमिक विद्यालयों के लिए गणित, विज्ञान और भाषा विषयों के लिए शिक्षकों की भर्ती होनी थी। 5008 पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित थे, जिसमें से विज्ञान विषय के लिए 2504 पद आरक्षित किए गए थे।
खास बातें:
- 271 में से 150 सफल अभ्यर्थी केवल 7 जिलों से हैं।
- 14 जिलों में 10 से भी कम पारा शिक्षक सफल हो सके।
- दो जिले ऐसे हैं जहां एक भी अभ्यर्थी पास नहीं हो पाया।
- सबसे ज्यादा सफल अभ्यर्थी (78) चतरा जिले से हुए।
दो जिलों में शून्य सफलता:
लातेहार और सरायकेला में एक भी पारा शिक्षक सफल नहीं हो सका। इसके अलावा कई जिले जैसे लोहरदगा, कोडरमा, साहिबगंज, पाकुड़, सिमडेगा, जामताड़ा, देवघर, दुमका, गिरिडीह, गढ़वा, बोकारो और रामगढ़ ऐसे हैं, जहां 10 से कम पारा शिक्षक ही सफल हो पाए।
जिलावार सफल पारा शिक्षकों की संख्या (चयनित जिलों का विवरण):
जिला | आरक्षित पद | सफल पारा शिक्षक |
---|---|---|
चतरा | 128 | 78 |
बोकारो | 121 | 11 |
रामगढ़ | 103 | 05 |
गोड्डा | 99 | 11 |
लोहरदगा | 78 | 06 |
सिमडेगा | 57 | 06 |
कोडरमा | 51 | 05 |
पाकुड़ | 51 | 01 |
क्या है कारण?

शिक्षाविदों के अनुसार, विज्ञान विषय में पारा शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता और तैयारी का स्तर अपेक्षित नहीं रहा, जिस कारण अधिकांश अभ्यर्थी परीक्षा में असफल हो गए। कई जिलों में शिक्षकों की कमी पहले से बनी हुई है, ऐसे में इन खाली पदों से शिक्षा व्यवस्था और भी प्रभावित हो सकती है।
नये शिक्षकों का पदस्थापन 20 अगस्त तक हो जाएगा
जेएसएससी द्वारा जारी परिणाम के बाद विभाग ने पदस्थापन की तैयारी शुरू कर दी है। 20 अगस्त तक शिक्षक के पदस्थापन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जिलों को सोमवार को निर्देश भेज दिये जाएंगे। इन निर्देशों के अनुसार जिलों में शिक्षकों का पदस्थापन डीडीसी या किसी एडीएम स्तर के अधिकारी की देखरेख में किया जाएगा। काउंसलिंग की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। काउंसलिंग के 15 दिनों के भीतर जिला स्थापना समिति की बैठक कर पदस्थापन की प्रक्रिया पूरी करनी है।
पृष्ठभूमि: क्यों आरक्षित किए गए थे पद?
राज्य में पारा शिक्षक वर्ष 2008 से स्थायिकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। उस समय हुए समझौते के तहत तय हुआ था कि जब भी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में स्थायी नियुक्ति होगी, 50 प्रतिशत पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित होंगे।
इसी व्यवस्था के अनुसार विज्ञान विषय के लिए आरक्षित 2504 पदों पर यह परीक्षा करवाई गई थी। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इसमें अधिकांश पारा शिक्षक असफल रहे।
10 वर्षों के अंतराल के बाद नियुक्ति प्रक्रिया फिर शुरू

राज्य में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की पिछली बड़ी नियुक्ति 2015-16 में हुई थी। इसके बाद रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए वर्ष 2023 में प्रक्रिया दोबारा शुरू की गई।
इस बार विज्ञान विषय के लिए 5008 पदों में से 2504 पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित किए गए थे। लेकिन चयनित केवल 271 अभ्यर्थी ही हो सके।
विश्लेषण: कारण क्या रहे असफलता के पीछे?
- विशेषज्ञों का मानना है कि पारा शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता और विषय-विशेष ज्ञान में कमी इसका मुख्य कारण हो सकता है।
- लंबे समय से स्थायी नियुक्ति न होने के कारण पारा शिक्षकों का अभ्यास और संपर्क कमजोर हुआ है।
- पारदर्शी और कठिन परीक्षा प्रणाली के चलते अधिकांश शिक्षक क्वालिफाई नहीं कर सके।
क्या आगे होगा?
राज्य सरकार के अनुसार, 20 अगस्त 2025 तक सफल अभ्यर्थियों को पदस्थापित कर दिया जाएगा। हालांकि, बचे हुए 2233 रिक्त पदों पर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी या नहीं, इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
https://indiafirst.news/new-teachers-will-be-posted-by-august-20th





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