नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद डॉ. निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश (CJI) को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद अब इस मसले ने न्यायालय का दरवाजा खटखटा दिया है। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना (क्रिमिनल कंटेम्प्ट) की याचिका दाखिल की है।
अमिताभ ठाकुर ने याचिका में आरोप लगाया है कि निशिकांत दुबे ने मीडिया इंटरव्यू के दौरान सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आपत्तिजनक और अवमाननापूर्ण टिप्पणियाँ की हैं। उन्होंने कहा कि दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को देश में गृह युद्ध और धार्मिक संघर्षों का जिम्मेदार बताया, जो न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बयान है।
क्या कहा था निशिकांत दुबे ने?
शनिवार (19 अप्रैल) को दिए एक इंटरव्यू में निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश को लेकर कई तीखे बयान दिए थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि देश में व्याप्त राजनीतिक और धार्मिक अस्थिरता के लिए भी न्यायपालिका आंशिक रूप से जिम्मेदार है। उनके इन बयानों को कई विशेषज्ञों ने न्यायालय की अवमानना माना है।
पूर्व आईपीएस की मांग
अमिताभ ठाकुर ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि निशिकांत दुबे के खिलाफ ‘कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट’ के तहत कठोर कार्रवाई की जाए ताकि न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और निष्पक्षता सुरक्षित रह सके।
भाजपा ने किया किनारा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस पूरे प्रकरण पर सफाई दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा (जिन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी की थी) के बयानों से पार्टी का कोई संबंध नहीं है। नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “यह दोनों नेताओं के व्यक्तिगत विचार हैं। भारतीय जनता पार्टी का न्यायपालिका और मुख्य न्यायाधीश के प्रति गहरा सम्मान है। पार्टी इन बयानों से पूर्णतः असहमति जताती है और इन्हें खारिज करती है।”
मामला गर्म, निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर
सांसद निशिकांत दुबे के बयान और उस पर दाखिल याचिका ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। अब सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं कि वह इस मामले में क्या रुख अपनाता है। अगर कोर्ट इस याचिका को स्वीकार कर लेता है तो निशिकांत दुबे के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
https://indiafirst.news/nishikant-dubey-supreme-court-cji-controversy
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