बरेली,(उत्तर प्रदेश)। पाकिस्तानी नागरिकता छिपाकर उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शिक्षिका की नौकरी करने वाली महिला का मामला प्रकाश में आया है। 10 वर्षों तक अपनी असली पहचान छुपाने के बाद, फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने वाली शुमायला खान उर्फ फुरकाना को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। साथ ही, फतेहगंज पश्चिमी थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
घटना का पूरा विवरण
शुमायला खान, जो कि मूल रूप से पाकिस्तान की नागरिक है, ने अपनी नागरिकता छिपाकर 6 नवंबर 2015 को प्राथमिक विद्यालय माधौपुर, फतेहगंज पश्चिमी में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति पाई थी। काउंसलिंग के दौरान उन्होंने उप जिलाधिकारी सदर, रामपुर से जारी फर्जी निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था।
इस मामले का खुलासा 2023 में तब हुआ, जब बरेली के शिक्षा विभाग ने उनके दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया शुरू की। सत्यापन के दौरान यह पाया गया कि शुमायला ने वर्ष 2012 में पीडब्ल्यूडी कॉलोनी, रामपुर में निवास करते हुए फर्जी सामान्य निवास प्रमाण पत्र बनवाया था।
7 अगस्त 2024 को रामपुर के एसडीएम ने स्पष्ट किया कि शुमायला खान एक पाकिस्तानी नागरिक हैं और उनके द्वारा प्रस्तुत निवास प्रमाण पत्र त्रुटिपूर्ण और निरस्त किए जाने योग्य है। इस खुलासे के बाद शुमायला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर प्राथमिक विद्यालय जनक जागीर में अटैच किया गया।
बर्खास्तगी और एफआईआर दर्ज

जांच पूरी होने के बाद, शिक्षा विभाग ने शुमायला खान की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया। खंड शिक्षा अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने उनके खिलाफ फर्जीवाड़ा और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने के आरोप में फतेहगंज पश्चिमी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
सवालों के घेरे में विभाग
इस मामले ने जिला शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। दस साल तक फर्जी दस्तावेजों के सहारे शुमायला खान की नौकरी और विभाग को इसकी भनक तक न लगने पर प्रशासनिक खामियों की ओर इशारा करता है।
आगे की कार्रवाई

पुलिस ने शुमायला के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही, शुमायला खान की शैक्षिक योग्यता और अन्य दस्तावेजों की भी दोबारा जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
https://indiafirst.news/pakistani-woman-who-became-a-teacher-in-up
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