रांची: बिहार की तर्ज पर झारखंड सरकार ने भी नशे के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में पान-मसाला (गुटखा) पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। अब राज्य में गुटखा का सेवन और बिक्री दोनों ही कानूनन अपराध माने जाएंगे। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद प्रदेश में गुटखा बेचने वालों और खाने वालों पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री की पहल पर लिया गया निर्णय
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इस पहल की शुरुआत की थी। हाल ही में कैंसर दिवस के मौके पर उन्होंने प्रदेश में सादा पान-मसाला को बैन करने की घोषणा की थी। मंत्री ने साफ कहा कि वह झारखंड के लोगों को कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुकानों में सादा पान-मसाला के नाम पर खुलेआम गुटखा बेचा जा रहा था, जिससे युवा और आम जनता स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का शिकार हो रहे थे। इस कदम के बाद झारखंड पूरे देश में उन गिने-चुने राज्यों में शामिल हो गया है, जहां तंबाकू उत्पादों पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
कड़ी कार्रवाई के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य भर में मेडिकल स्टोर्स और दुकानों की तत्काल जांच शुरू की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कई मेडिकल स्टोर्स में नशीले सिरप और स्टेरॉयड की अवैध बिक्री हो रही है, जिसे सख्ती से रोका जाएगा। सभी सिविल सर्जनों और ड्रग इंस्पेक्टरों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि यदि उनके क्षेत्र में प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की बिक्री पाई गई, तो वे भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
पूर्णतः लगाम लगाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती
राज्य में पान-मसाला पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करना प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। हालांकि, सरकार का दावा है कि इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और संबंधित विभाग पूरी मुस्तैदी से काम करेंगे। बाजारों में छापेमारी की जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी।
जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया
सरकार के इस फैसले पर जनता की अलग-अलग राय है। कुछ लोगों ने इसे एक सराहनीय कदम बताया, तो कुछ व्यापारी वर्ग ने इस प्रतिबंध से आर्थिक नुकसान की आशंका जताई। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह कदम झारखंड में कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद करेगा।
झारखंड सरकार के इस सख्त फैसले से यह साफ हो गया है कि राज्य नशामुक्ति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब यह देखना होगा कि इस कानून को कितनी प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है और प्रशासन इसके पालन को सुनिश्चित करने में कितनी सफल होती है।

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