नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र में सोमवार को उस समय माहौल गरमा गया जब कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी सांसद नीरज शेखर को कड़ी फटकार लगाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान खरगे रुपये की गिरती कीमत पर बोल रहे थे, तभी नीरज शेखर ने उन्हें टोक दिया। इस पर खरगे भड़क उठे और गुस्से में कहा, “तेरे बाप का भी मैं ऐसे ही साथी था. उसे लेकर घूमा. चुप बैठ!”
गौरतलब है कि नीरज शेखर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे हैं, जो 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे। इससे पहले वे समाजवादी पार्टी में रहे और लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। खरगे की इस टिप्पणी के बाद सदन में माहौल तनावपूर्ण हो गया, और सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई।
संविधान बनाम मनुस्मृति पर भी गरमाई बहस
अपने संबोधन के दौरान खरगे ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “मनुस्मृति ने नहीं, संविधान ने उन्हें यह अधिकार दिया। हमें भी संसद में बोलने का अधिकार संविधान से ही मिला है, मनुवादियों की बात मत सुनें।” इतना ही नहीं, खरगे उच्च सदन में मनुस्मृति की एक प्रति भी लेकर आए थे, जिससे सत्ता पक्ष के सांसदों में नाराजगी देखी गई।
मोदी सरकार पर तीखा हमला, पूछा – ‘अमृतकाल है या विषकाल?’
खरगे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बीते 11 सालों में विकास, रोजगार, किसान कल्याण और संघीय ढांचे को लेकर सरकार पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा, “सरकार ‘सबका विकास’ की बात करती है, लेकिन असल में केवल कुछ अमीरों और उद्योगपतियों का विकास कर रही है। किसान और बेरोजगार आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। पिछले 10 साल में एक लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है।”
खरगे के इन बयानों पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने जोरदार विरोध दर्ज कराया, जिससे सदन में तीखी बहस देखने को मिली। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार विपक्ष के इन आरोपों का जवाब कैसे देती है और संसद में आगे की बहस किस दिशा में जाती है।
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